जयपुर

बजरी माफिया के सामने सब फेल, राजस्थान में टास्क फोर्स की तैयारी, एमपी में नई नीति से भी नहीं रोक सके अवैध खनन

रेत माफिया: पुलिस चाहती है आंख मूंदना, सरकार को नहीं एनजीटी निर्देशों की चिंता

जयपुरJun 13, 2019 / 09:42 pm

pushpendra shekhawat

बजरी माफिया के सामने सब फेल, राजस्थान में टास्क फोर्स की तैयारी, एमपी में नई नीति से भी नहीं रोक सके अवैध खनन

जयपुर। रोक के बावजूद अवैध बजरी खनन बदस्तूर जारी है। नदियां और माफिया के आतंक से लोगों की जान खतरे में है। पुलिस की शह पर हो रहे अवैध खनन से वर्दी पर लगते दाग के बाद राजस्थान में तो पुलिस ने अपनी आंखें मूंदने का फैसला तक कर लिया, हालांकि सरकार ने बीच का रास्ता निकालकर टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार नई खनन नीति लेकर आई है, लेकिन दोनों ही प्रदेशों में एनजीटी के निर्देशों की सरकार को चिंता ही नहीं है।
 

राजस्थान में पुलिस ने दामन पर बढ़ते दाग कम करने के लिए खनन विभाग के पाले में गेंद डालनी चाही। पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें बजरी से भरे वाहनों को रोकने की कार्रवाई खनन विभाग के मत्थे मढऩी चाही। प्रस्ताव में प्रावधान था कि पुलिस स्वप्रेरणा से कार्रवाई ना करे, बल्कि खान विभाग के निर्देश पर या विभाग की टीम के नेतृत्व में ही करे। डीजीपी कपिल गर्ग ने सरकार की इजाजत मांगने के लिए प्रस्ताव भेजा। फिर सीएस डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पुलिस के आदेश जारी करने पर रोक लगा दी गई। कार्रवाई के लिए खान विभाग, पुलिस व स्थानीय प्रशासन को टास्क फोर्स के रूप में काम करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन क्या इससे खनन माफिया पर लगाम लग पाएगी।
 

ये पुलिस रोक पाएगी, जो घूस लेकर देती है इजाजत
— दिल्ली रोड स्थित मनोहरपुर थाने के लिए रिश्वत ले रहा दलाल गिरफ्तार, थानाधिकारी रामसिंह यादव, हैड कांस्टेबल रोहिताश्व व कांस्टेबल कान्हाराम फरार।
— टोंक के पीपलू थाने का कांस्टेबल कैलाश गिरफ्तार, थानाधिकारी विजेन्द्र गिल फरार।
— रिश्वत लेते बासनी थाने का उपनिरीक्षक गजेन्द्र सिंह गिरफ्तार।
 

मप्र: 5 साल में 200 से ज्यादा शिकायतें
मध्यप्रदेश की ज्यादातर नदियां अवैध रेत खनन से खतरे में हैं। खनन माफिया ने नर्मदा, चंबल, काली सिंध, पार्वती, सोम, केन-बेतवा, तवा और जोहिला नदियों को बर्बादी के स्तर तक पहुंचा दिया है। फरवरी में विधानसभा में पेश एक रिपोर्ट में सरकार ने माना कि पांच साल में खनन से जुड़ी 200 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर इनमें वाहनों की जब्ती ही हो पाई है। कठोर कार्रवाई अब तक देखने को नहीं मिली। कांग्रेस की नई सरकार ने नई रेत खनन नीति घोषित की है। अब प्रदेश में पंचायतों की जगह राज्य का खनिज निगम रेत खदानों की ऑनलाइन नीलाम करेगा। पंचायतों को ठेके पर मिलने वाले लाभ का हिस्सा मिलेगा।
 

ये हैं एनजीटी के निर्देश, लागू हों तो मिले मुक्ति
— बिना जीपीएस लगे वाहनों से रेत की ढुलाई की अनुमति न हो
— सभी खानों की जियो टैगिंग हो, जुर्माने की राशि का अलग हिसाब
— रात के वक्त निगरानी के लिए फ्लड लाइट और बोट का उपयोग हो
— रेत ढुलाई के रास्तों में वाहनों का वजन मापने की व्यवस्था भी हो
— जुर्माने की राशि से नदी को हुए नुकसान की भारपाई हो।
 

पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। उनमें कानून के अनुरूप कार्रवाई की गई है। अवैध खनन वालों के खिलाफ अब सरकार स्तर पर टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया गया है।
कपिल गर्ग, डीजीपी
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