scriptअब पांच नए टैक्स लगाकर खजाना भरने की तैयारी, करोड़ों रुपए के राजस्व की उम्मीद | Greater Nagar Nigam Jaipur: preparing to impose five new tax | Patrika News

अब पांच नए टैक्स लगाकर खजाना भरने की तैयारी, करोड़ों रुपए के राजस्व की उम्मीद

locationजयपुरPublished: Jan 19, 2021 02:20:02 pm

Submitted by:

santosh

ग्रेटर नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब है। अब निगम के अधिकारी जनता पर नया टैक्स लगाकर खाली खजाना भरने की तैयारी कर रहे हैं।

rupee-1.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। ग्रेटर नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब है। अब निगम के अधिकारी जनता पर नया टैक्स लगाकर खाली खजाना भरने की तैयारी कर रहे हैं। जनता से वसूली के पांच नियमों को जल्द ही ग्रेटर नगर निगम सीमा में लागू किया जाएगा। इन नियमों के दायरे में छोटा व्यापार करने वाला व्यक्ति भी आ जाएगा।

निगम के अधिकारियों की मानें तो ऐसा करने से निगम को सालाना करोड़ों रुपए की आय होगी। राजस्व शाखा के अधिकारी इससे 25 से 30 करोड़ रुपए आय का अनुमान लगा रहे हैं। अलग-अलग मद में निगम 400 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक वसूलने की तैयारी कर चुका है। हालांकि ये बात और है कि निगम की खराब आर्थिक स्थिति के लिए निगम के गलत फैसले ही जिम्मदार हैं।

यह है दो गलत फैसले

निजी हाथों में दे दी वसूली
लगातार विरोध के बाद दोनों निगमों ने नगरीय विकास कर की वसूली का अधिकार निजी कम्पनी को दे दिया। कम्पनी अक्टूबर से अब तक 10 करोड़ तक ही पहुंच पाई है, जबकि निगम को वर्ष भर में कम्पनी को 80 करोड़ रुपए देने हैं।

राजस्व शाखा के कर्मचारी दूसरी शाखा में
राजस्व शाखा के कर निर्धारकों से लेकर राजस्व अधिकारियों को दूसरी शाखाओं में लगा रखा है। कोई उपायुक्त बन गया तो कोई ओसडी बनकर उपायुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहा है। ऐसे में दोनों निगम वसूली के लिए कम्पनी के भरोसे हैं।

अभी इनसे निगम की कमाई
नगरीय विकास कर, होर्डिंग, पार्किंग, विवाह स्थल, मोबाइल टावर, होटल, रेस्टोरेंट, रोड कटिंग, सीवर कनेक्शन, कैरिंग चार्ज से निगम को आय हो रही है।

अब यहां से भी होगी वसूली
होलसेल, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, कोचिंग संस्थानों, पुस्तकालय, वाचनालय, होस्टल, पीजी, पेइंग गेस्ट, नर्सिंग होम, डाइग्नास्टिक सेंटर, पैथ लेब, क्लिनिक से लेकर तम्बाकू उत्पादों की बिक्री करने वालों से भी वसूली की जाएगी। कोचिंग संस्थानों और पुस्तकालयों से प्रति सीट और अस्पतालों से प्रति बैड टैक्स वसूला जाएगा।

पैसा नहीं तो काम रुका, जनता प्रभावित
दोनों ही निगमों के पास पैसे की कमी है। 22 माह से ठेकेदारों का बकाया चल रहा है। ठेकेदार 15 दिन से काम बंद कर हड़ताल पर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में बैठे हैं। आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है। 300 करोड़ रुपए दोनों निगमों पर बकाया चल रहे हैं। मंगलवार को ठेकेदार मुख्य सचेतक महेश जोशी से मिलकर भुगतान कराने की मांग करेंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो