जयपुर कमिश्नरेट ट्रैफिक पुलिस (
Jaipur Commissionerate Traffic Police ) के गोल्डन आवर्स एप को सरकार से मंजूरी मिल गई है। इसके लिए 42 लाख रुपए स्वीकृत भी कर दिए गए हैं। अब टेंडर प्रक्रिया के बाद जल्द यह एप सभी एम्बुलेंस के लिए जारी कर दिया जाएगा। इस एप की मदद इमरजेंसी के दौरान पुलिस और अग्निशमन वाहन भी ले सकेंगे।
गंभीर मरीज का अलग से अलर्ट एप में गंभीर मरीज का अलग से अलर्ट प्वाइंट होगा। अलर्ट बटन उपयोग में लेने पर ट्रैफिक कन्ट्रोल रूम के पास एम्बुलेंस में गंभीर मरीज का अलर्ट मैसेज पहुंचेगा। एम्बुलेंस को कौनसे अस्पताल जाना है, इसकी जानकारी एप (
Golden hours app ) में लिखनी होगी। कन्ट्रोल रूम उक्त अस्पताल तक एम्बुलेंस के लिए ट्रैफिक प्वाइंट पर खड़े पुलिसर्किमयों को वायरलैस से संदेश भेजेगा।
एम्बुलेंस के एक तिराहा-चौराहा पार करने पर मैसेज अगले तिराहा-चौराहा पर तैनात पुलिसर्किमयों तक पहुंच जाएगा। इससे पहले से एम्बुलेंस के लिए मार्ग खाली करवा लिया जाएगा। जबकि सामान्य मरीज के अलर्ट पर कन्ट्रोल रूम एम्बुलेंस चालक को अस्पताल पहुंचने के लिए ट्रैफिक दबाव की बजाय खाली मार्ग की जानकारी देगा।
सब कुछ सही रहा तो ऐसे करेगा काम एम्बुलेंस चालक और अस्पताल प्रशासन को मोबाइल एप पर एक बार रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। इसके बाद जयपुर और बाहर से आने वाली (इनके अलावा एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाने वाली) एम्बुलेंस का लोकेशन और मूवमेंट ट्रैफिक कन्ट्रोल रूम में लगी स्क्रीन पर नजर आएगा। इससे यातायात के बदलाव और डायवर्जन प्वाइंट पर वाहन के आने पर अलर्ट सुविधा प्राप्त होगी। कन्ट्रोल रूम ऑपरेटर को शहर के मैप पर सभी रजिस्टर्ड एम्बुलस के मूवमेंट की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त होगी।
मरीजों के लिए गोल्डन आवर्स एप के लिए 42 लाख रुपए स्वीकृत हो गए हैं। इसके तहत एम्बुलेंस को बिना जाम में फंसे अस्पताल तक पहुंचाना होगा। टेंडर प्रक्रिया जारी की जाएगी। इसके बाद इस एप का एम्बुलेंस के साथ इमरजेंसी के दौरान पुलिस व अग्निशमन वाहन उपयोग कर सकेंगे।
राहुल प्रकाश, डीसीपी ट्रैफिक – एप के लिए 42 लाख रुपए मंजूर – ट्रैफिक पुलिस पहले से होगी अलर्ट – पुलिस वाहन व दमकल भी कर सकेंगी एप का उपयोग – राजधानी जयपुर में करीब 200 निजी और सरकारी अस्पताल
– रोज करीब 30 से 40 एम्बुलेंस की शहर और बाहरी जिलों से होती है आवाजाही – गंभीर और सामान्य मरीज होते हैं इनमें, गंभीर मरीज के लिए एक-एक पल होता है भारी