सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस, प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी बम्बलू पहुंचे। अधिकारियों ने विवाह समारोह स्थगित करने की समझाइश की। साथ ही नियमों के अनुसार ऐसा नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समझाया कि वह एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते निर्णय ले, जिससे उसके और परिवार के लोगों में संक्रमण बढऩे का खतरा नहीं रहे। उपखंड अधिकारी मीनू वर्मा ने बताया कि इस समझाइश को मानते हुए शंकर ने बुधवार के मुहूर्त को निरस्त करते हुए नए सावे के अनुसार विवाह करने का निर्णय लिया।
इस बार कोरोना की दूसरी लहर के चलते राजस्थान सहित पूरे देश में शादियों का रंग फीका हो गया है। इस बार रिकॉर्ड शादियां होने की संभावना है, लेकिन सरकार की सिर्फ 50 लोगों की मौजूदगी की सरकारी गाइडलाइन के कारण लोगों के चेहरे की चमक उतर गई है। शादियों से संबंधित व्यवसायी ज्वैलर्स, टैंट हाउस, कपड़ा व्यापारी, फैन्सी शोरूम आदि पंडित, हलवाई सबके चेहरे उतरे हुए हैं।
खासकर हलवाई एवं टैन्ट व्यवसाईयों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। आमजन न तो शादियां रद्द करवा पा रहे हैं और न ही इसके आगे खिसकाने के मूड में नजर आ रहे हैं। बाड़मेर के सिवाणा क्षेत्र के भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर मांग की है कि इस अनुशासन लॉकडाउन में जिनके घर में शादी होने जा रही हैं उनकी सहुलियत के लिए कपड़ा व्यापारियों, ज्वैलर्स एवं कॉस्मेटिक्स से जुड़े व्यापारियों को कुछ घंटे मार्केट खोलने की छूट दी जाए।
दरअसल 23 अप्रैल से भारी संख्या में शादियों का मौसम शुरू हो रहा है। लोगों ने इसके लिये बड़े पैमाने पर तैयारी की थी, लेकिन कोरोना की इस जबरदस्त लहर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कर्फ्यू के कारण बाजार बंद होने से सावों में न तो खरीदारी कर पा रहे हैं और न ही कोई तैयारी कर पा रहे हैं। खासकर ज्वैलर्स एवं कपड़ा व्यापारियों को करोड़ों रूपए का नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दुकानें बंद होने से दूल्हे की शेरवानी एवं अन्य परिधान लेने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। दुल्हन का श्रृंगार एवं कपड़े लेने में भी दिक्कत आ रही है।