सूत्रों का कहना है कि हैरिटेज नगर निगम कमेटी गठन का तो सिर्फ एक बहाना है, असल लड़ाई तो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद को लेकर है, जिसे लेकर कांग्रेस के दो मंत्री और दो विधायकों के बीच खींचतान चल रही है, और किसी भी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के चलते जयपुर शहर जिलाध्यक्ष का पद अभी भी रिक्त है।
इसी के चलते आजकल शहर कांग्रेस में गुटबाजी हावी है। जयपुर में एक धड़ा महेश जोशी का है तो एक धड़ा कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का है। अंदर खाने विधायक रफीक खान और अमीन कागजी का भी समर्थन खाचरियावास कैंप को है।
रफीक खान की राह में बाधा बने महेश जोशी
सूत्रों की माने तो आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बनना चाहते हैं और इसके लिए लगातार लॉबिंग भी कर रहे हैं, लेकिन जलदाय मंत्री और हवामहल से विधायक महेश जोशी अपने किसी विश्वस्त अल्पसंख्यक नेता को जयपुर शहर अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वही कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी अपने किसी समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। ऐसे में आपसी खींचतान के चलते जयपुर शहर अध्यक्ष पद पर किसी एक नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है जिसके बाद से ही मामला अटका हुआ है।
करबला के बहाने मिला मौका
जानकारों की माने तो हाल ही में करबला मैदान पर मंत्री महेश जोशी के पुत्र की ओर से कराए गए क्रिकेट टूर्नामेंट का अल्पसंख्यक नेताओं की ओर से विरोध किए जाने के बाद कांग्रेस विधायक रफीक खान, अमीन कागज़ी और जयपुर हैरिटेज नगर निगम के निर्दलीय पार्षदों ने मंत्री महेश जोशी उनकी पुत्री खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
साथ ही टूर्नामेंट के आयोजकों के खिलाफ भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी बीच निर्दलीय पार्षदों ने करबला मैदान में क्रिकेट टूर्नामेंट का विरोध कर रहे अल्पसंख्यक नेताओं के साथ पुलिस दुर्व्यवहार के खिलाफ मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के समक्ष समर्थन वापसी की धमकी दी थी और अगले ही दिन निर्दलीय पार्षदों ने हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय परिसर में धरना दिया।
धरने में कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और किशनपोल से कांग्रेस विधायक अमीन कागजी भी धरने में शरीक हुए थे। हालांकि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने निर्दलीय पार्षदों की मांग को जायज बताते हुए जल्द से जल्द निगम में समिति गठित करने की बात कही थी लेकिन कांग्रेस गलियारों में भी चर्चा इसी बात की है कि दो मंत्रियों और दो विधायकों के बीच नगर निगम में कमेटिया गठित करने के बहाने कांग्रेस शहर अध्यक्ष के पद को लेकर अंदरखाने चल रही लड़ाई अब खुलकर सामने आ चुकी है।
प्रदेश नेतृत्व खामोश
वहीं राजधानी जयपुर में पहले क्रिकेट टूर्नामेंट विवाद और उसके बाद निर्दलीय पार्षदों की ओर से समर्थन वापसी की धमकी के बीच शहर कांग्रेस में चल रही गुटबाजी पर प्रदेश नेतृत्व ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है।