बता दें कि जहां कल की घोषणा के बाद से कारोबारियों को राहत मिला है तो वहीं जीएसटी में कटौती की उम्मीद लगाए बाजार को भी पनपने का मौका मिलेगा। इससे पहले नए जीएसटी कर प्रणाली की दरों के कारण यहां दियाकिसानगढ़ और मकराना क्षेत्र में 2,000 से छोटे और बड़े संगमरमर व्यापारियों को अपना कारोबार खोने का डर था। क्योंकि नए प्रणाली के तहत कर के दरों को 5 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया था। अब कल परिषद की अहम बैठक के बाद छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए जीएसटी की दर 28% से घटकर 18% करने का फैसला लिया गया।
उधर प्रदेश के कपड़ों व्यापारी के लिए भी एक रिहाई अधिसूचना है, जिसने आगामी जीएसटी शासन के तहत वस्त्रों पर 5 फीसदी बिक्री कर लागू करने का विरोध किया। सूची में शामिल 27 वस्तुओं में से जीएसटी को कम किया गया है, जिसमें सीवेंग धागा शामिल है। आइटम पर जीएसटी की वर्तमान दर 18% है जो 12% हो जाएगी। इस प्रकार, कपड़ा कारोबारियों को उनके व्यवसाय में वृद्धि दिखाई देगी, जबकि इसमें कटौती टैक्स दर जो उन्हें अधिक लाभ दिलाने में उनकी सहायता करेगी। जीएसटीएसटीएआर के निदेशक शैलेश अग्रवाल के मुताबिक, जीएसटी परिषद का काम सराहनीय है। जिससे निश्चित तौर पर प्रदेश में जीएसटी को लेकर सकारात्मक बातों को बल मिलेगा।
अन्य वस्तुओं के साथ-साथ राजस्थान सरकार ने मेहंदी/हेना पर जीएसटी दर को कम करने पर चिंता जताई है कि वे राज्य से निर्यात किए गए प्रमुख कृषि उत्पाद हैं और कर की उच्च घटना केवल इस क्षेत्र पर असर डालेंगे। मेहंदी पर माल और सेवा कर (जीएसटी) दर 5 फीसदी है जबकि हेना की 18 फीसदी है। व्यापारियों ने मेहंदी/हेना पर उच्च जीएसटी के बारे में शिकायत की है चूंकि वे कृषि उत्पादक हैं, इसलिए कर को कम रखा जाना चाहिए। राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुल सैनी ने कहा है। बता दें कि भारत के कुल मेहंदी उत्पादन का 86 फीसदी हिस्सा राजस्थान से आता है। तो वहीं राज्य ने पिछले साल 42,000 हेक्टेयर में 31,500 टन मेहंदी का उत्पादन किया था। मेहंदी के व्यापार के लिए राज्य में एक विशेष थोक मंडी है। इसे देखते हुए कर के दरों को कम करना जरुरी है।
जीएसटी परिषद द्वारा की गई 27 मदों की जीएसटी दरों, कटा हुआ आम, खाखरा, बिना ब्रांडेड नमकेन, चपाती, सिलाई धागा, रबर कचरा, प्लास्टिक अपशिष्ट, रियल जारी आयुर्वेदिक यूनानी होम्योपैथी दवाओं का भी कटौती किया गया है। मंत्रियों का एक समूह रेस्तरां के लिए कराधान शासन का अध्ययन करेगा, विशेष रूप से एसी और गैर-एसी रेस्तरां के आधार विभाजन पर। यदि यह हो जाता है, तो वातानुकूलित रेस्तरां वर्तमान में 18% से कम 12% जीएसटी का शुल्क ले लेगा। निर्यातकों के लिए जुलाई और अगस्त के टैक्स रिफंड की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से होगी, जेटली ने कहा कि निर्यातकों के लिए ई-वॉलेट 1 अप्रैल 2018 से शुरू हो जाएगा। साथ ही सरकार ने रत्न और आभूषण पर जीएसटी अधिसूचना भी रद्द कर दी है, जिसमें कहा गया है कि पैन कार्ड 50,000 रुपये से ज्यादा के लिए गहने खरीदने पर अनिवार्य नहीं होगा।
गौरतलब है कि भारत में अधिकांश राज्य ऐसे हैं जो औद्योगिक दृष्कोण से काफी पीछे हैं। इनमें यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान प्रमुख रुप से शामिल हैं। ये राज्य केवल निर्माता/निर्माता की बजाय माल और सेवाओं के उपभोक्ता हैं। ऐसे में उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलना चाहिए।