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जयपुर

केन्द्र की कंजूसी ने बिगाड़े राजस्थान के वित्तीय हालत, विकास कार्यों पर चलानी पड़ी कैंची : धारीवाल

जीएसटी एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठक में धारीवाल ने लिया भाग, तीन महीने से जीएसटी और पिछले पांच साल से सीएसटी की बकाया राशि का नहीं हुआ भुगतान, जनता ने हमारे हाइब्रिड मॉडल को स्वीकारा

जयपुरNov 20, 2019 / 09:57 pm

pushpendra shekhawat

केन्द्र की कंजूसी ने बिगाड़े राजस्थान के वित्तीय हालत, विकास कार्यों पर चलानी पड़ी कैंची : धारीवाल

केन्द्र की कंजूसी ने बिगाड़े राजस्थान के वित्तीय हालत, विकास कार्यों पर चलानी पड़ी कैंची : धारीवाल

शादाब अहमद / नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने राजस्थान के हिस्से का जीएसटी में करीब 4 हजार और सीएसटी में करीब 4478 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। इसके चलते वित्तीय हालात डगमगाने से विकास कार्यों पर सरकार को कैंची चलानी पड़ रही है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने केन्द्र के सामने यह मुद्दा उठाया और इस राशि को जल्द रिलीज करने की मांग की है।
धारीवाल ने यह बातें बुधवार को जीएसटी एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठक में भाग लेने के बाद ‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान, दिल्ली, केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और मणिपुर समेत अन्य राज्यों ने केन्द्र को जीएसटी लागू करते समय राज्यों को राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि देने का संवैधानिक प्रावधान याद दिलाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से अर्थव्यवस्था नहीं संभल रही है। इसके चलते केन्द्र सरकार ने पिछले तीन महीने से जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि रोके बैठी है, जबकि सीएसटी का भुगतान पिछले पांच साल से नहीं हुआ है। इतनी बड़ी रकम रोकने से राज्य की वित्तीय हालात पर असर पड़ रहा है। कई विकास कार्यों में कटौती करनी पड़ रही है।
जीएसटी के बावजूद 6 वस्तुओं पर वैट लागू
जीएसटी लागू होने के बावजूद अभी पेट्रोलियम, माइनिंग, विद्युत उत्पादन, दूरसंचार, उत्पादन व प्रसंस्करण और पुर्नविक्रय पर वैट लागू है। राज्य सरकार का कहना है कि पुर्नविक्रय को छोड़कर शेष पांचों को भी जीएसटी के दायरे में लिया जाने के लिए केन्द्र से मांग की जा चुकी है। धारीवाल ने कहा कि ऐसा करने से इसका सीधा लाभ जनता को होगा। साथ ही राज्य सरकार प्रवेश कर लगाने की इच्छुक है।
नगर निकाय में हमारे काम की जीत
धारीवाल ने कहा कि नगर निकाय में कांग्रेस की जीत राज्य सरकार के काम की जीत है। हमने नगर निकाय चुनाव से पहले परिसीमन से वार्ड छोटे किए, जिससे पार्षद जनता को उपलब्ध हो सकें। साथ ही जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम किए। जनता ने हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार किया है।
राजस्थान का सीएसटी का केन्द्र पर बकाया राशि (करोड़ों रुपए में)

वर्ष ———– सीएसटी राशि —— भुगतान —– बकाया
2007-08 —— 146.81 ———– 48.76 —— 98.05
2008-09 —— 343.18 ———– 353.79 —– 7.39
2009-10 —— 497 ————— 445.42 —– 51.58
2010-11 —— 664.87 ———– 626.68 —– 38.19
2011-12 —— 634.20 ———– 571.63 —– 62.57
2012-13 —— 487.29 ———– 381.36 —– 105.93
2013-14 —— 1117.46 ———– 0 ———— 1117.46
2014-15 —— 953.39 ———– 0 —– —– 953.39
2015-16 —— 1063.59 ———- 0 —– —– 1063.59
2016-17 —— 797.76 ———– 0 ——— 797.76
2017-18 —— 182.14 ———– 0 ———- 182.14
कुल राशि —— 6887.69 ——— 2409.64 —– 4478.05

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