जीएसटी लागू होने के बावजूद अभी पेट्रोलियम, माइनिंग, विद्युत उत्पादन, दूरसंचार, उत्पादन व प्रसंस्करण और पुर्नविक्रय पर वैट लागू है। राज्य सरकार का कहना है कि पुर्नविक्रय को छोड़कर शेष पांचों को भी जीएसटी के दायरे में लिया जाने के लिए केन्द्र से मांग की जा चुकी है। धारीवाल ने कहा कि ऐसा करने से इसका सीधा लाभ जनता को होगा। साथ ही राज्य सरकार प्रवेश कर लगाने की इच्छुक है।
धारीवाल ने कहा कि नगर निकाय में कांग्रेस की जीत राज्य सरकार के काम की जीत है। हमने नगर निकाय चुनाव से पहले परिसीमन से वार्ड छोटे किए, जिससे पार्षद जनता को उपलब्ध हो सकें। साथ ही जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम किए। जनता ने हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार किया है।
2007-08 —— 146.81 ———– 48.76 —— 98.05
2008-09 —— 343.18 ———– 353.79 —– 7.39
2009-10 —— 497 ————— 445.42 —– 51.58
2010-11 —— 664.87 ———– 626.68 —– 38.19
2011-12 —— 634.20 ———– 571.63 —– 62.57
2012-13 —— 487.29 ———– 381.36 —– 105.93
2013-14 —— 1117.46 ———– 0 ———— 1117.46
2014-15 —— 953.39 ———– 0 —– —– 953.39
2015-16 —— 1063.59 ———- 0 —– —– 1063.59
2016-17 —— 797.76 ———– 0 ——— 797.76
2017-18 —— 182.14 ———– 0 ———- 182.14