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शराब मुक्त नहीं रह गया गुजरात, देख लो सबूत

locationजयपुरPublished: Oct 10, 2019 11:57:16 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

Gujarat is no more alcohol-free now.इस साल डूंगरपुर पुलिस ने 8 जुलाई को रतनपुर बॉर्डर पर 15 लाख की शराब पकड़ी, ये गुजरात जा रही थी। इसी साल 28 जुलाई को बाडमेर में गेहूं के बोरों के नीचे छुपकार 735 पेटी शराब गुजरात जा रही थी, बाडमेर में पकडी गई। पिछले साल भीलवाडज्ञ में 26 अक्टूबर को 18 लाख की शराब पकडी थी, गुजरात ले जाई जा रही थी। 25 अक्टूबर 2018 को सिरोही में रीको क्षेत्र से बिस्कुट के बॉक्स में छुपाकर बीस लाख की शराब गुजरात भेजी जा रही थी पकडी गई।

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Illegal english liquor

जयपुर. Gujrat cm Vijay Rupani गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और (Rajasthan CM Ashok Ghloth) राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पिछले चार—पांच दिन से शराब को लेकर सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर बाण चला रहे हैं। सीएम गहलोत का कहना है कि गुजरात में शराब बंदी होने के बाद भी वहां पर शराब की (Liqure smulling) तस्करी जारी है, जबकि गुजरात के सीएम विजय रुपाणी इसे मामने को तैयार नहीं हैं। लेकिन इस बीच दोनो के बीच चल रही जुबानी जंग जारी है। तो इस जंग के बीच अब बात पुलिस और आबकारी विभाग के सरकारी आंकड़ों की करते हैं। आबकारी विभाग के आंकड़े कहते हैं कि हां… गुजरात में शराब की तस्करी होती है और वह भी राजस्थान के रास्तों से होती हुई। गुजरात ही नहीं अन्य राज्यों में भी शराब की तस्करी होती है, वह भी अलग—अलग नए तरीकों से…।

साढ़े पांच साल में इस तरह बदल गई तस्करी की सूरत
साढ़े पांच साल के दौरान राजस्थान पुलिस और आबकारी विभाग ने इतनी ढेर शराब पकड़ी है कि शराब का तालाब ही बन जाए। साल 2014 से लेकर इस साल अप्रेल के महीने तक पुलिस और आबकारी ने शराब की 38 लाख 9 हजार 343 बोतलें पकडी है। ये शराब तस्करी के रास्ते गुजरात और अन्य राज्यों में भेजी जा रही थी। राजस्थान में भी तस्करीके जरिए शराब की बड़ी खेंप कई बार आई है और अधिकतर बार पकडी गई है। शराब की इन लाखों बोतलों में सबसे ज्यादा शराब बीयर और अंग्रेजी शराब है। इसके साथ ही देसी शराब की भी अच्छी खासी बोतलें बरामद की गई हैं। साल के अनुसार बात की जाए तो साल 2016—2017 में सबसे ज्यादा बीकर कुल दो लाख बीस हजार से ज्यादा बोतलें बरामद की गई हैं।
हरियाणा और पंजाब से आती है शराब, सस्ती है राजस्था से
दरअसल हरियाणा और पंजाब से शराब की तस्करी इसलिए हो रही है क्योंकि वहां पर शराब सस्ती है। वहां पर शराब के लिए बाटलिंग प्लांट लगाना और डिस्टलरी लगाना ज्यादा सस्ता है राजस्थान से। यही कारण है कि वहां पर बनने वाली शराब भारी मात्रा मे अन्य राज्यों के लिए भेजी जाती है तस्करी के रास्ते। राजस्थान में शराब का सालाना टर्न ओवर करीब आठ हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है। तस्करी की शराब भी गिनी जाए तो यह करीब पांच सौ करोड़ और बढ़ जाता है।
इन तरीकों से गुजरात भेजी जा रही है शराब, देख लो
गुजरात से जुड़े राजस्थान के जिलों के जरिए शराब की तस्करी नए—नए तरीकों से हो रही है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बाडमेर, उदयपुर समेत कई जिले गुजरात बॉर्डर के नजदीक हैं। राजस्थान के हजारों लोग गुजराक के जिलों में काम करने जाते हैं। छोटी तस्करी का यह आसाना माध्यम है। बड़ी तस्करी के कुछ नमूने ये हैं। इस साल डूंगरपुर पुलिस ने 8 जुलाई को रतनपुर बॉर्डर पर 15 लाख की शराब पकड़ी, ये गुजरात जा रही थी। इसी साल 28 जुलाई को बाडमेर में गेहूं के बोरों के नीचे छुपकार 735 पेटी शराब गुजरात जा रही थी, बाडमेर में पकडी गई। पिछले साल भीलवाडज्ञ में 26 अक्टूबर को 18 लाख की शराब पकडी थी, गुजरात ले जाई जा रही थी। 25 अक्टूबर 2018 को सिरोही में रीको क्षेत्र से बिस्कुट के बॉक्स में छुपाकर बीस लाख की शराब गुजरात भेजी जा रही थी पकडी गई।
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