scriptराजस्थान में गुर्जर आरक्षण मामले में फिर अटका पेंच, हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण विधेयक-2017 पर लगाई रोक | Gujjar Reservation in Rajasthan High Court stays OBC Ordinance 2017 | Patrika News

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण मामले में फिर अटका पेंच, हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण विधेयक-2017 पर लगाई रोक

locationजयपुरPublished: Nov 09, 2017 12:16:45 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

High Court stays Gujjar Reservation OBC Ordinance 2017: राजस्थान हाईकोर्ट ने ओबीसी जातियों को विशेष आरक्षण देने वाले विधेयक पर रोक लगा दी है।

obc ordinance rajasthan
जयपुर।

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जर सहित अन्य ओबीसी जातियों को विशेष आरक्षण देने वाले विधेयक पर रोक लगा दी है। विधेयक हाल ही में विधानसभा में पारित किया गया था। जस्टिस केएसझवेरी और वीके झा की खंडपीठ यह आदेश दिए। मामले में गंगासहाय शर्मा की तरफ से पिछड़ा वर्ग आरक्षण 21 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने को लेकर याचिका दायर की गई थी।
याचिका पर कोर्ट ने मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व कार्मिक सचिव से जवाब मांगा था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता को तलब किया। महाधिवक्ता से मौखिक रुप से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर लम्बित मामले के विपरीत कोई आदेश जारी नहीं किया जाए, यदि उसके विपरीत कोई आदेश जारी किया तो वह सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना होगा।
READ: राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण फिर खतरे में, जानें इस बार क्या फंस रहा बड़ा पेंच?

आपको बता दें इस मामले को लेकर गंगासहाय शर्मा की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता जी पी कौशिक ने कोर्ट को बताया कि 2008 में विशेष पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, उसे रद्द कर दिया गया। उसके बाद 2015 में आरक्षण दिया, आरक्षण 54 प्रतिशत होने पर एसबीसी आरक्षण फिर रद्द कर दिया।
READ: OBC कोटा में आरक्षण मिलने के बाद भी नाराज़ हैं कर्नल बैंसला, जानें अब फिर क्यों दे डाली सरकार को चेतावनी

कोर्ट में सुनवाई के दौरान आया कि ओबीसी की जाति विशेष को 21 प्रतिशत के बजाय 30 प्रतिशत नियुक्तियां मिल चुकी हैं। इसके बावजूद उस जाति को पिछड़ा वर्ग से बाहर नहीं किया गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और इसी बीच राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग आरक्षण 21 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने के लिए कानून ला रही है। यह कानून लागू होने पर आरक्षण 54 प्रतिशत हो जाएगा, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 व 16 के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन्दिरा साहनी व एम नागराज के मामले में दिए आदेश के भी यह विपरीत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो