जयपुर

पूर्व सीएम राजे का बंगला खाली कराने का मामला, दिग्गज नेता का आया बड़ा बयान, निकाले जाने लगे राजनीतिक मायने

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का राजनीतिक हमला, कहा कोर्ट के आदेश का हो सम्मान, भाजपा में शुरू हुई बयानबाजी के निकाले जाने लगे राजनीतिक मायने

जयपुरSep 10, 2019 / 05:07 pm

pushpendra shekhawat

पूर्व सीएम राजे का बंगला खाली कराने का मामला, दिग्गज नेता का आया बड़ा बयान, निकाले जाने लगे राजनीतिक मायने

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही सुविधाओं को बंद करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ( Gulab Chand Kataria ) ने राजनीतिक हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान एक सवाल पर कहा कि हाईकोर्ट ( Rajasthan Highcourt ) ने पूर्व सीएम के बंगला खाली करने के जो आदेश दिए हैं, उनका सम्मान करना चाहिए। इसकी पालना कराने में सरकार स्वयं ही ढीली पड़ रही है तो मैं क्या कर सकता हूं। दरअसल इस फैसले की पालना से फिलहाल दो राजनेता वसुंधरा राजे ( Vasundhara Raje ) और जगन्नाथ पहाड़िया ( Jagannath Pahadia ) ही प्रभावित होंगे। ऐसे में कटारिया के इस बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में कटारिया ने कहा कि कोर्ट के आदेश की पालना करना देश के हर नागरिक का दायित्व। अगर कोई छूट चाहिए तो उस रास्ते जाओ, मगर कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आदेश में कोई कानूनी खामी है तो उस पर विचार करना चाहिए। कानून से क्या राहत मिल सकती है और कुछ लेना चाहते हो तो उस रास्ते से जाओ।

हाईकोर्ट ने कानून कर दिया है अवैध घोषित
हाईकोर्ट ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम-2017 को अवैध घोषित कर दिया है। इसके तहत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास, कार-ड्राइवर, टेलीफोन, निजी सहायक समेत अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। याचिकाकर्ता मिलापचंद डांडिया एवं विजय भंडारी और अन्य ने पूर्व सीएम को दी जाने वाली सुविधाओं को चुनौती दी थी। इसी के आधार पर अदालत ने इस कानून को अवैध घोषित किया।
सीएम ने कहा था कोर्ट के फैसले का बंगले खाली कराने से लिंक नहीं
कोर्ट का आदेश आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने कहा था कि जरूरी नहीं है, यह जो फैसला आया है उससे पूर्व सीएम के बंगले खाली कराने का लिंक हो। इसका कोई लिंक नहीं है। वसुंधरा दो बार मुख्यमंत्री रही हैं। अब सरकार फैसला करेगी कि जो सीनियर्स को बड़ा बंगला देने की हमारी पॉलिसी है, उसके अंतर्गत क्या फैसला किया जाए। केन्द्र की तरह राज्य में भी वरिष्ठता के आधार पर बंगले आवंटित करने की प्रक्रिया है। अब सरकार देखेगी की प्रकिया के अनुसार ही बंगले आवंटित हुए हैं या नहीं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.