कटारिया ने मुख्यमंत्री के आरोपों और बयानों को याद दिलाते हुए कहा है कि राज्य सभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही एसओजी में मुकदमा भी दर्ज करवाया था। तब मुख्यमंत्री ने चुनाव समाप्ति के बाद इस मामले पर कार्रवाई करने की बात कही थी।
‘हमने आपको घुटनों के बल ला दिया’ कटारिया ने मुख्यमंत्री के उस बयान की भी याद दिलाई है जिसमें गहलोत ने चुनाव ख़त्म होने के बाद भाजपा पर सामान नहीं होने सम्बन्धी बयान दिया था। मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कटारिया ने कहा कि अगर भाजपा के पास सामान नहीं होता तो हम आपको घुटनों के बल नहीं चला देते और 9 दिन तक सरकार को एक होटल में बंद नहीं रहना पड़ता।
‘बोलें तो संभलकर बोलें मुख्यमंत्री’ कटारिया ने मुख्यमंत्री के लगाए आरोपों को कटघरे में रखते हुए उनपर सीधा निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत और चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर आप कभी बोलें तो संभलकर बोलें और आरोप लगायें तो उसको प्रमाणित भी करें।
एसओजी जाकर बयान दें मुख्यमंत्री’ कटारिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों की खरीद-फ्फरोख्त सम्बन्धी भाजपा पर जो भी आरोप लगाए हैं, उसकी सत्यता साबित करें। वे एसओजी में जाकर सत्यता के बारे में बयान दें और साफ़ करें आखिर वास्तव में किसने, कहाँ और किससे खरीद-फरोख्त की।
‘हम एससी-एसटी विरोधी नहीं’ कांग्रेस के भाजपा पर एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ होने के आरोपों पर भी नेता प्रतिपक्ष ने पलटवार किया है। कटारिया ने याद दिलाते हुए कहा कि पिछली बार के राज्य सभा चुनाव में हमने रामकुमार वर्मा को प्रत्याशी बनाया था जो इस वर्ग से आते हैं, लेकिन तब कांग्रेस पार्टी ने किस ख़ुशी में कमल मोरारका को खडा किया?