कुवैत की स्थिति सबसे खराब
भारतीय कामगारों ने सबसे ज्यादा 36570 शिकायतें सऊदी अरब में की हैं। इसके बाद कुवैत में 21,977 शिकायतें मिली हैं। वहीं इस साल नवम्बर में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहे कतर में यातना की 19 हजार से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई। सबसे ज्यादा शिकायतें वेतन न मिलने, छुट्टी नहीं देेने, मेडिकल बीमा और एक्जिट या रि-एंट्री वीजा देने से इनकार करने से जुड़ी हैं।
कामगारों का 1200 करोड़ रुपए बकाया
एक अध्ययन के मुताबिक खाड़ी देशों में हमारे कामगारों के 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया हैं। कामगारों ने खाड़ी की कई कंपनियों पर वेतन चोरी करने के आरोप लगाते हुए शिकायतें दर्ज करवाई हैं। कंपनियां कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों से वंचित रखती है। बोनस और ओवरटाइम के भुगतान में आनाकानी की जाती है।
तत्काल कार्रवाई व मदद का दावा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, शिकायत मिलते ही भारतीय मिशनों की ओर से तुरंत कार्रवाई की जाती है। दूतावासों के अधिकारी भी नियोक्ताओं से संपर्क करते हैं।
ज्यादातर ये शिकायतें
- वेतन व ओवरटाइम का भुगतान नहीं करना
- वैध श्रम अधिकारों और लाभों से इनकार करना
- निवास परमिट जारी व नवीनीकृत ना करना
- अधिक समय तक कार्य लेना
- भारत जाने के लिए निकासी या पुन: प्रवेश अनुमति देने से मना करना
- अनुबंध पूरा होने के बाद अंतिम रूप से निकासी वीजा के समय भारत लौटने की अनुमति देने से इनकार करना
- चिकित्सा एवं बीमा सुविधा का प्रावधान नहीं होना