मेरा बस चले तो हर दो हफ्ते में आ जाऊं जयपुर
गुंजन को जयपुर काफी आकर्षित करता है। वह कहते हैं, ‘अगर मेरा बस चले तो मैं हर दो हफ्ते में जयपुर आ जाऊं। मैं जब भी जयपुर आता हूं तो एक दिन में वापस चला जाता हूं। इस बार सोचकर आया था कि दो दिन रुक कर ही जाऊंगा।’ गुंजन को फिल्में देखने का भी बहुत शौक है। वह सुबह से शाम तक लगातार फिल्में देख सकते हैं। इसके अलावा संगीत सुनना और ट्रैवलिंग भी उन्हें पसंद है। बकौल गुंजन, ‘मैंने ऐसा फील्ड चुना है, जहां मुझे पेड हॉलिडे मिलते हैं यानी मैं हर दूसरे दिन नए शहर में होता हूं। वहां नई ऑडियंस से मिलता हूं और उन्हें एंटरटेन करता हूं। पैसे भी कमा लेता हूं और घूम भी लेता हूं। दस साल के अपने कॅरियर में मैंने काफी शहर देख लिए हैं। मैं कई बार पैदल ही घूमने निकल जाता हूं। इससे किसी शहर को बारीकी से ऑब्जर्व किया जा सकता है। इतना ही नहीं, मुझे फोटो खींचने का भी बहुत शौक है। जयपुर में मैं राजमंदिर गया, जहां हमने फिल्म ‘फन्ने खां’ देखी। सिंगल स्क्रीन थिएटर में फिल्म देखने का अलग ही मजा है। काफी सालों बाद मैंने पर्दा उठता और इंटरवल में नीचे आते देखा। पॉपकॉर्न खाए, पेस्ट्री खाई। बस सीटी बजानी रह गई। अगर फिल्म अच्छी होती तो वह भी बजा देता।’
गुंजन को जयपुर काफी आकर्षित करता है। वह कहते हैं, ‘अगर मेरा बस चले तो मैं हर दो हफ्ते में जयपुर आ जाऊं। मैं जब भी जयपुर आता हूं तो एक दिन में वापस चला जाता हूं। इस बार सोचकर आया था कि दो दिन रुक कर ही जाऊंगा।’ गुंजन को फिल्में देखने का भी बहुत शौक है। वह सुबह से शाम तक लगातार फिल्में देख सकते हैं। इसके अलावा संगीत सुनना और ट्रैवलिंग भी उन्हें पसंद है। बकौल गुंजन, ‘मैंने ऐसा फील्ड चुना है, जहां मुझे पेड हॉलिडे मिलते हैं यानी मैं हर दूसरे दिन नए शहर में होता हूं। वहां नई ऑडियंस से मिलता हूं और उन्हें एंटरटेन करता हूं। पैसे भी कमा लेता हूं और घूम भी लेता हूं। दस साल के अपने कॅरियर में मैंने काफी शहर देख लिए हैं। मैं कई बार पैदल ही घूमने निकल जाता हूं। इससे किसी शहर को बारीकी से ऑब्जर्व किया जा सकता है। इतना ही नहीं, मुझे फोटो खींचने का भी बहुत शौक है। जयपुर में मैं राजमंदिर गया, जहां हमने फिल्म ‘फन्ने खां’ देखी। सिंगल स्क्रीन थिएटर में फिल्म देखने का अलग ही मजा है। काफी सालों बाद मैंने पर्दा उठता और इंटरवल में नीचे आते देखा। पॉपकॉर्न खाए, पेस्ट्री खाई। बस सीटी बजानी रह गई। अगर फिल्म अच्छी होती तो वह भी बजा देता।’
मैं भी बाथरूम सिंगर रहा हूं
बकौल गुंजन, ‘मैंने भी बाथरूम में शीशे के सामने खड़े होकर काफी एक्टिंग की है। डायलॉग्स बोले हैं। यहां तक कि सिंगर बनने की ख्वाहिश नहीं थी, फिर भी बाथरूम में गाने भी बहुत गाए हैं।’ कॅरियर की शुरुआत के बारे में गुंजन कहते हैं, ‘मुझे तो बहुत देर से अहसास हुआ कि मैं टीवी होस्ट बनना चाहता हूं। मैं एमबीए कर रहा था तब रिलाइज हुआ कि मेरी मंजिल कुछ और है। फिर मैंने मास्टर्स इन मास कम्यूनिकेशन और मास्टर्स इन ड्रामेटिक्स किया। इसके बाद मेरे लिए रास्ते खुलने लगे। चंडीगढ़ आने वाले प्रोडक्शन हाउस मुझे काम देने लगे। फिर मैं मुंबई आ गया। मेरा मानना है कि जिस फील्ड में आप जाना चाहते हैं तो पहले अपने आपको उस फील्ड से इंट्रोड्यूस करें। मुझे पहला ब्रेक इत्तेफाक से मिला। मैं एक्टिंग के लिए किसी से मिलने गया था तो उन्होंने कहा, एंकरिंग करोगे। फिर उन्होंने मुझे दो पेज की स्क्रिप्ट दी। मैंने दो मिनट बाद कहा कि मैं रेडी हूं तो वह हैरान रह गए। मैंने वह वन टेक में कर दिया। ‘जिंदगी की हकीकत से आमना-सामना’ मेरा पहला ब्रेक था। मुझे लगता है कि आप जितनी मेहनत करते हैं उससे आपके काम में निखार आता है।’
गुंजन अब एक शॉर्ट फिल्म करने जा रहे हैं, जिसकी शूटिंग अगस्त एंड में शुरू होगी। वह मानते हैं कि कुछ नया करने वालों के लिए अब डिजिटल वेब सीरीज एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।
बकौल गुंजन, ‘मैंने भी बाथरूम में शीशे के सामने खड़े होकर काफी एक्टिंग की है। डायलॉग्स बोले हैं। यहां तक कि सिंगर बनने की ख्वाहिश नहीं थी, फिर भी बाथरूम में गाने भी बहुत गाए हैं।’ कॅरियर की शुरुआत के बारे में गुंजन कहते हैं, ‘मुझे तो बहुत देर से अहसास हुआ कि मैं टीवी होस्ट बनना चाहता हूं। मैं एमबीए कर रहा था तब रिलाइज हुआ कि मेरी मंजिल कुछ और है। फिर मैंने मास्टर्स इन मास कम्यूनिकेशन और मास्टर्स इन ड्रामेटिक्स किया। इसके बाद मेरे लिए रास्ते खुलने लगे। चंडीगढ़ आने वाले प्रोडक्शन हाउस मुझे काम देने लगे। फिर मैं मुंबई आ गया। मेरा मानना है कि जिस फील्ड में आप जाना चाहते हैं तो पहले अपने आपको उस फील्ड से इंट्रोड्यूस करें। मुझे पहला ब्रेक इत्तेफाक से मिला। मैं एक्टिंग के लिए किसी से मिलने गया था तो उन्होंने कहा, एंकरिंग करोगे। फिर उन्होंने मुझे दो पेज की स्क्रिप्ट दी। मैंने दो मिनट बाद कहा कि मैं रेडी हूं तो वह हैरान रह गए। मैंने वह वन टेक में कर दिया। ‘जिंदगी की हकीकत से आमना-सामना’ मेरा पहला ब्रेक था। मुझे लगता है कि आप जितनी मेहनत करते हैं उससे आपके काम में निखार आता है।’
गुंजन अब एक शॉर्ट फिल्म करने जा रहे हैं, जिसकी शूटिंग अगस्त एंड में शुरू होगी। वह मानते हैं कि कुछ नया करने वालों के लिए अब डिजिटल वेब सीरीज एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।