इस बार माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से 21 फरवरी तक रहेगी। इस प्रकार 9 की बजाय 10 दिन तक देवी आराधना की जाएगी। इस नवरात्रि में छठ तिथि बढ़ जाने से यह दस दिनों की हुई है. गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना और साधना करने का विधान है। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा के अनुसार देवी पूजा करने वाले भक्तों को अपनी दिनचर्या संयमित रखना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा.पाठ व जाप करना चाहिए. इससे मन शांत रहता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान आलस्य, क्रोध और अन्य विकारों से दूर रहना चाहिए।
माघ गुप्त नवरात्रि अनेक शुभ योगों के साथ शुरू हो रही है जिससे इनका महत्व बढ़ गया है। नवरात्रि शुक्रवार के शुभ दिन प्रारंभ हो रही है. इसी दिन कुंभ संक्रांति भी है। इसके साथ ही मकर राशि में गजकेसरी योग और बुधादित्य योग बन रहे हैं. विशेष तौर पर इस राशि में बने पंचग्रही योग के कारण देवी आराधना का शुभ फल और बढ़ जाएगा। सितारों की इस शुभ स्थिति के कारण गुप्त नवरात्र में साधना करने से पाप ग्रहों के अशुभ असर में खासी कमी आ जाएगी।
गुप्त नवरात्र के नौ दिनों में व्रत.उपवास के साथ ही नियम और संयम का कठोरता से पालन किया जाता है। इस अवधि में साधकों को ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करना चाहिए। गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा के साथ ही प्रायः तांत्रिक दस महाविद्याओं की गुप्त साधना करते हैं. दस महाविद्याओं में देवी काली, देवी तारा, त्रिपुर सुंदरी अथवा माता ललिता, देवी भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता माता, त्रिपुर भैरवी, ध्रूमावती, बगलामुखी, मातंगी और माता कमला की पूजा की जाती हैं। इनकी साधना से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।