अंतिम आठ दिन शुभ उसके बाद पांच महीने का इंतजार
ज्योतिषाचार्य राजकुमार चतुर्वेदी बताते हैं कि जून में इस बार खरीदारी और शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए अति फलदायक रहेगी। गुप्त नवरात्र में 10 देवियों की आराधना के साथ खरीदारी, मांगलिक व शुभ कार्यों का विशेष महत्व रहेगा। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जून को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव मनाया जाएगा। 24 को बुधवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा। 29 को भड़ल्या नवमी के अबूझ मुहूर्त पर शादियां होगी। भड़ल्या नवमी के बाद 2 दिन बाद देवशयनी एकादशी पर भगवान सो जाते हैं। इसलिए केवल इस अवधि में सभी शुभ गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं। उसके बाद पांच महीने तक शयन रहेगा। इन गुप्त नवरात्रि से पहले ही कोरोना की दवा की डोज भारतीय बाजारों में भी आ गई है। देवी के आर्शीवाद से उम्मीद की जा सकती है आठ से दस दिनों में यह सुलभ उपलब्ध होगी और कीमतें और कम होंगी।
पंडित रजनीश आचार्य का कहना है कि गुप्त नवरात्रि बेहद सख्त नियमों का पालन भी चाहते हैं। तभी माता रानी आपकी अरदास सुनती है। इसलिए पूरे नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें। तामसी भोजन का त्याग करें। कुश की चटाई पर साेना चाहिए। निर्जला अथवा फलाहार उपवास रखें। मां की पूजा-उपासना करें और लहसुन-प्याज का उपयोग न करें। कुछ नियमों के साथ उपासना करने से मन को भी शांति मिलती है।
नवरात्रि के दिनों में माता के आर्शीवाद से उक्त वस्तुओं की खरीदारी शुभ फल देती है।
23 जून: त्रिपुष्कर, राजयोग वस्त्र खरीदारी करें।
24 जून : राजयोग, रवियोग, पुष्य नक्षत्र में जमीन, मकान, वाहन खरीदें। ऑनलाइन बुकिंग, वाहन, मोबाइल, खरीदना बेहतर होगा।
25 जून : रवियोग, आभूषण खरीदे।
26 जून: कुमार, रवियोग, इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदकर घर लाएं।
27 जून : रवि योग, जमीन खरीदने का विशेष महत्व।
28 जून: रवियोग, सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग, योग में वाहन व मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीदी करें।
29 जून : रवियोग, भड़ल्या नवमी का अबूझ मुहूर्त : नवीन गृह प्रवेश, नया व्यापार प्रारंभ करें।