गुरु तेगबहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया-हनुमान सिह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह ने कहा है कि सिख गुरु परम्परा का इतिहास विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों के अत्याचारों के विरुद्ध जनता को संगठित करके प्रतिरोध का इतिहास है।
जयपुर
Published: May 08, 2022 06:12:04 pm
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह ने कहा है कि सिख गुरु परम्परा का इतिहास विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों के अत्याचारों के विरुद्ध जनता को संगठित करके प्रतिरोध का इतिहास है। सत्य एक है उस तक जाने के मार्ग अनेक है के सिद्धांत की रक्षा के लिए गुरु हरगोविद ने "मीरी और पीरी" की घोषणा की। सिंह रविवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरु तेगबहादुर के 400 वे प्रकाश वर्ष पर "राष्ट्र निर्माण में सिख समुदाय का योगदान" विषय पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में बोल रहे थे।
भारतीय अभ्युथान सामिति की ओर से आयोजित कार्यक्र में उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव ने बलिदान दिया व गुरु गोविंद सिंह ने खालसा की स्थापना की। धर्म भारत का जीवन मूल्य है जिसकी रक्षा सिख परम्परा द्वारा की गई। गुरु तेगबहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर हम सभी भारत के विचार की रक्षा का प्रण लें।कार्यक्रम अध्यक्ष सीडीआईआई के डीआजी डॉ.अमनदीप सिंह ने बताया कि भारतीय उपमहादीप में राष्ट्रवाद की नींव रखने का श्रेय गुरु गोविंद सिंह को जाता है, जिन्होंने सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधा। सनातन धर्म जब गंभीर संकट में था तब सिख समुदाय ने सनातन परंपरा की रक्षा की। सनातन धर्म के प्रेम के संदेश को सिख धर्म ने केवल आगे बढ़ाया बल्कि उसकी रक्षा भी। मुख्य अतिथि अजयपाल ,अध्य्क्ष राजस्थान सिख समाज ने बताया कि सिख धर्म किसी धर्म के विरूद्ध नहीं रहा। विशिष्ट अतिथि डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि हमे गुरु तेगबहादुर के संदेश को स्मरण रख ना किसी से डरना चाहिए, ना ही किसी को डराना चाहिए।

गुरु तेगबहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया-हनुमान सिह
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