एसएमएस मेडिकल कॉलेज में होगी हर तरह के वायरस की जांच सरकारी विभागों में भवनों के निर्माण में ठेकेदारों और प्रशासन की लेटलतीफी का खामियाजा जनता तो उठा ही रही है साथ ही इसका खामियाजा सरकार का खजाना भी उठा रहा है। निर्माण में लेटलतीफी का आलम यह है सरकारी भवनों की निर्माण लागत दुगनी हो रही है। कुछ ऐसी ही लेटलतीफी का शिकार हुआ है एसएमएस मेडिकल कॉलेज में नवनिर्मित अकादमिक ब्लॉक। अलस में जब इस ब्लॉक के निर्माण की योजना बनी तब इसकी लागत 28 करोड़ रुपए आंकी गई । ठेकेदार
काम को बीच में छोड भाग गया और तीन साल बाद काम शुरू हुआ तो इसकी लागत दुगनी से ज्यादा यानि 59 करोड़ तक पहुंच गई। वहीं जब आज इस ब्लॉक के उदघाटन अवसर पर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ से निर्माण की लागत दुगनी होने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक की लगातार डिजायन बदलती रही और कुछ नए निर्माण हुए जिसके चलते लागत बढी। लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए लागत बढती है तो इसे सरकार अपने उपर लेगी। ब्लॉक के उदघाटन अवसर पर चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि अब हर तरह के वायरस की जांच एसएमएस मेडिकल कॉलेज में हेागी। किसी भी वायरस की जांच के लिए प्रदेश के मरीजों केा अन्य राज्य में नहीं जाना होगा। सराफ ने कहा कि मल्टी डिसिसल्नरी लैब में सभी सभी तरह के वायरस की जांच होगी। इस लैब पर पांच करोड रुपए की लागत आई है। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में आगामी सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेजों को शुरू कर दिया जाएगा। पांच नए मेडिकल कॉलेजों को शुरू करने की सभी तैयारियां राज्य सरकार ने कर ली है।