विधानसभा चुनाव में बसपा और रालोपा ने कई सीटों पर कांग्रेस-भाजपा का खेल बिगाड़ा था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में रालोपा ने नागौर की सीट भाजपा से गठबंधन कर हथिया ली। कुछ महीनों बाद नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं। इसके बाद जनवरी-फरवरी 2020 में पंचायत चुनाव होने हैं। इन दोनों चुनाव में दोनों ही दल ऐसी जगह चुनाव में उतरने को तैयार दिख रहे हैं, जहां जमीनी तौर पर मजबूत हैं। बसपा की तैयारी जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, चूरू, सीकर जिलों को लेकर चल रही है। जबकि रालोपा ने नागौर, जोधपुर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, बाड़मेर, पाली जैसे जिलों पर फोकस किया हुआ है।
उपचुनाव में मिला अलर्ट
राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि इन दोनों ही दलों को हल्के में लिया तो कांग्रेस और भाजपा को पहले के दो चुनाव की तरह कई जगह मात खानी पड़ सकती है। कई जिला परिषद, पंचायत और नगर निकायों में दोनों ही दल खेल भी बिगाड़ सकते हैं। हाल में जोधपुर जिला परिषद सदस्य के उपचुनाव में रालोपा ने ऐसा साबित भी कर दिया है। यह आने वाले दिनों के लिए एक तरह से अलर्ट भी है।
Shastri Nagar Rape Case : एक सप्ताह में दो बच्चियों के साथ बलात्कार के आरोपी ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे वोट बैंक आधारित दलदोनों ही वोट बैंक आधारित पार्टी बनकर उभर रही हैं। बसपा का जोर दलित और अल्पसंख्यकों पर दिख रहा है, वहीं रालोपा का जोर युवाओं के साथ जाट, दलित और अल्पसंख्यक वोट साधने पर है।
– इस बार पंचायत और निकाय चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा की तरह ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा। कई जिलों में हम अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं।
सीताराम मेघवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बसपा