विधायक हनुमान बेनीवाल ने दी सड़क पर उतरने की चेतावनी, कहा- नहीं चलने देंगे दादागीरी
विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अफसरों की दादागीरी अंग्रेजी हुकूमत की याद ताजा करता है।

जयपुर। विधानसभा में शून्यकाल में नागौर जिले में 21 जनवरी को पुलिस कांस्टेबल गेना राम और उसके परिवार की आत्महत्या का मामला गूंजा। विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अफसरों की दादागीरी के चलते कांस्टेबल का परिवार के साथ आत्महत्या करना अंग्रेजी हुकूमत की याद ताजा करता है। उस दलित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। परिवार को न्याय नहीं मिला तो हम सड़कों पर उतरेंगे और विरोध करेंगे।
बेनीवाल ने कहा कि गेना राम ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरा राजस्थान की कानून व्यवस्था से भरोसा उठ गया है। उन्होंने कहा कि उस परिवार को न्याय नहीं मिला तो हम सड़कों पर उतरेंगे, जरूरत पड़ी तो राजस्थान बंद कराएंगे। एसपी और डीवाईएसपी की दादागीरी नहीं चलने देंगे। उन्होंने मामले की सीबीआई या पुलिस के बड़े अधिकारी से जांच कराने के अलावा मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए की सहायता देने की मांग की।
इसके जवाब में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल का परिवार के साथ आत्महत्या का मामला बहुत ही गंभीर और दु:खद है। इस मामले में जांच के लिए आईजी स्तर के अधिकारी को लगाया जाएगा। निष्पक्ष जांच के लिए वृत्त अधिकारी को हटाया जाएगा। सहायक उप निरीक्षक राधाकिशन को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट का गहन परीक्षण उच्च अधिकारियों से करवाया जाएगा, जिससे मामले की तह तक पहुंचा जा सके। उन्होंने सरकार की आेर से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने का भी आश्वासन दिया है।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी चिकित्सालयों में गरीबों के इलाज को लेकर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सरकार से मांग की कि निजी चिकित्सालयों पर लगाम लगाई जाए। कार्ड की बाध्यता के कारण निजी चिकित्सालय गरीबों का मुफ्त इलाज नहीं करते। नियमों में एेसे उलझाते हैं कि मुफ्त इलाज का हक होने के बावजूद गरीब को पैसे देने पड़ते हैं।
विधायक संदीप शर्मा, सुरेश धाकड़ समेत कई विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि गरीब निजी चिकित्सालय में जाता है तो उसे एक घंटे के अंदर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा कार्ड दिखाना पड़ता है। दुर्घटनाग्रस्त को कार्ड दिखाने के लिए 72 घंटे का समय दिया जाता है। कई बार कार्ड लाना संभव नहीं होता और गरीब से इलाज के नाम पर मोटी रकम ऐंठ ली जाती है। इस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि इस तरह की अब तक 55 शिकायतें आई हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज