‘उप सचेतक के क्षेत्र में चल रही मनमर्ज़ी’
सांसद बेनीवाल ने आज एक के बाद एक ट्वीट प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सर्वदलीय बैठक में सभी को साथ लेकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने की बात करते है, तो वहीं दूसरी तरफ स्वयं को सीएम का नजदीकी बताने वाले व विधानसभा में उप सचेतक के क्षेत्र में कुचामन तथा नावां में जिम्मेदारों की मनमर्जी से मरीजों के हाल बेहाल हो रहे हैं।
‘मरीज़ों से हो रहा बुरा बर्ताव, एसडीएम नहीं देते सही जवाब’
सांसद ने कहा कि कुचामन व नावां के उपखण्ड अधिकारियों व डॉक्टरों को यह भूलना नहीं चाहिए कि स्थानीय विधायक के संरक्षण में वो जो बर्ताव मरीजों के साथ कर रहे है, वो किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। राज्य सरकार के निर्देशों के बावजूद दोनों एसडीएम दूरभाष पर जनता को संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुचामन व नावां के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक मरीज को भर्ती करने से पहले एसडीएम से अनुमति लाने का बोलते हैं और मरीज जब एसडीएम के पास जाता है तो वो उन्हें टरकाकर पुनः अस्पताल भेज देते हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी, तेज बुखार आदि से जूझ रहे मरीज की पीड़ा से उन्हें कोई मतलब नहीं है।
‘सरकारी तंत्र पर खड़े हो रहे सवाल’
नागौर सांसद ने कहा कि एक तरफ प्रत्येक राजनैतिक दल और प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग आपस में समन्वय स्थापित करके इस महामारी के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे है, वहीं दूसरी तरफ नागौर जिले के कुचामन व नावा में अस्पताल व प्रशासनिक व्यवस्थाओं ने राज्य सरकार के तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा करके रखा है।
‘ध्यान दें मुख्यमंत्री और स्वास्थय मंत्री’
सांसद बेनीवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से अनुरोध किया कि वो नागौर जिले के कुचामन व नावां के सरकारी अस्पतालों में तत्काल पीड़ित मरीजों को भर्ती करने व व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के लिए ज़िम्मेदारों व सम्बंधित एसडीएम को पाबंद करें ताकि कोरोना के कहर से जनहानि नहीं हो।