बेनीवाल ने कहा कि साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर तिवाड़ी से भी बात हो चुकी है। खींवसर विधायक बेनीवाल ने नई पार्टी की घोषणा के साथ ही शक्ति प्रदर्शन के भी संकेत दिए। बातों ही बातों में उन्होंने चुनाव से पहले होने वाली संयुक्त सभा में 15 लाख युवाओं को जुटाने का भी दावा किया।
तिवाड़ी के इस्तीफे के समय ही दे दिए थे संकेत
चुनाव से पहले तिवाड़ी के साथ हाथ मिलाने के संकेत हनुमान बेनीवाल ने पहले ही दे दिए थे। घनश्याम तिवाड़ी ने जब भाजपा से सालों पुराना नाता तोड़ दिया था तब बेनीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया में चुनाव से पहले तिवाड़ी के साथ आने के संकेत दिए थे। तब बेनीवाल ने एक पोस्ट शेयर करते हुए तिवाड़ी के कदम और त्यागपत्र में वसुंधरा राजे नेतृत्व को लेकर किये गए तमाम ज़िक्र का समर्थन किया था।
ये लिखा था बेनीवाल ने ”राजस्थान के वरिष्ठ विधायक घनश्याम जी तिवाड़ी का भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में स्वागत है। चूंकि मैने उन्हें यह कदम बहुत पहले ही उठाने को कहा था फिर भी देर आए, दुरस्त आए। भाजपा में संघर्ष करते हुए तिवाड़ी जी ने अपने व्यक्तित्व को जिंदा रखा जो उनकी मजबूती को दर्शाता है, वहीं समय समय पर इन्होंने भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर किया। तिवाड़ी जी ने अपने त्याग पत्र में पिछले चार सालों में राजस्थान को जगह-जगह अपमानित होना पड़ा। केंद्र व राज्य में पूर्ण बहुमत के बाद राजस्थान का ठगा हुआ महसूस करना, देश और प्रदेश में अघोषित आपातकाल तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पहले भ्रष्टाचार के साथ समझौता करना व वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार में लिप्त तंत्र के सामने घुटने टेक देने आदि चार बातों का उल्लेख किया जिसमें हम सहमति प्रदान करते हैं।”
तिवाड़ी इस्तीफे से ही लगने लगे थे कयास तिवाड़ी के इस्तीफा प्रकरण के बाद से ही कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए थे। राजनीतिक गलियारों में भी सभी की नज़रें तिवाड़ी और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के गठजोड़ पर टिकी हुई थीं।