चार मुखी दिया जलाएं और घर में ऐसे करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग है। कहा जा रहा है कि यह संयोग चार सौ साल बाद बना है। इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन सबुह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं। गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं। जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाया जा सकता है। घी के दीपक को अर्पित करें। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं। ऊर्जा ,उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें।
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग है। कहा जा रहा है कि यह संयोग चार सौ साल बाद बना है। इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन सबुह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं। गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं। जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाया जा सकता है। घी के दीपक को अर्पित करें। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं। ऊर्जा ,उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें।
ग्यारहवें रद्र अवतार थे हनुमान जी
हनुमान जी को शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ। इससे ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है। हनुमान भगवान राम के भक्त थे। इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांधित फल देते हैं। इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण मंदिरों में हनुमान जयंती नहीं मनाई जाएगी इसलिए घर पर बैठकर ही आप भगवान की विशेष पूजा अर्चना कर सकते हैं।