ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष संयोग है। कहा जा रहा है कि यह संयोग चार सौ साल बाद बना है। इस बार चैत्र पूर्णिमा पर चित्रा नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है। कोरोना रूपी भयंकर बीमारी से निजात के लिए हनुमान जन्मोत्सव पर 108 बार हनुमान चालीस का पाठ जरूर करें।
एस्ट्रोलॉजिस्ट सुरभि गुप्ता ने बताया कि कोरोना की महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के जन्मोत्सव पर हनुमान चालीसा व रामचरित मानस का पाठ जरूर करेंं। वैसे मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। ‘ना से रोग हरे सब पीड़ा’ अगर ऐसी चोपाई 108 बार पढी जाती है तो बड़े से बड़ा रोग दूर हो जाता है। कोरोना के बाद भी अगर घर से बाहर जाते समय डर लगता है तो ‘भूत पिशाच निकट नहीं आवे’ का जाप कर सकते हैं। साथ ही
हनुमान जी की 12 स्त्रोत वाली नामावली आती है, उसे भी रोजाना पढ़ना चाहिए। इससे नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही सभी परेशानियां दूर होती है। आपको बता दें हनुमान जी को शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ। इससे ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है। हनुमान भगवान राम के भक्त थे। इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांधित फल देते हैं।
हनुमान जी की 12 स्त्रोत वाली नामावली आती है, उसे भी रोजाना पढ़ना चाहिए। इससे नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही सभी परेशानियां दूर होती है। आपको बता दें हनुमान जी को शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ। इससे ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है। हनुमान भगवान राम के भक्त थे। इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांधित फल देते हैं।