इस बीच सांप्रदायिक सौहार्द का नजारा भी देखने को मिलेगा। मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डी शाह बाबा की मजार पर 56 भोग अन्नकूट की झांकी और चादर चढ़ाई जाएगी । प्रसादी बनाने का कार्य शनिवार रात से शुरू होगा जो रविवार रात तक चलेगा। पंगत प्रसादी वितरण से पूर्व लक्ष्मण डूंगरी की खुले में विराजे राम जी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा , गायत्री माता , वैष्णो माता सहित सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा ।
अध्यक्ष गिरधारीलाल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में 1. 25 लाख भक्तजनों द्वारा अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है । इस बार परंपरागत झांकियों के साथ महाकाल की बर्फ की झांकी खास होगी।
सजेगी नयनाभिराम झांकियां अन्नकूट में मूंग, चोला, बाजरा, चावल, गडमड की सब्जी, कढ़ी के साथ ही हलवा और भुजिये की प्रसादी शामिल होगी । रविवार को खोले के हनुमान जी के फल सब्जी की झांकी , आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी की छप्पन भोग की झांकी सहित अन्य झांकी सजाई जाएगी । इसके अलावा आसपास के 100 मंदिरों में भी प्रसादी का भोग लगेगा।
यह होगा खास पूरी प्रसादी में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, ताकि पर्यावरण अच्छा रह सके। साथ ही आमजन को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। इस पहल से हजारों किलो प्लास्टिक को काम में नहीं लिया जाएगा। प्रसादी के लिए 31 भटियों पर दिन रात कम चलेगा । साथ ही दस खंडो की व्यवस्था की गई है। जिसमें विभिन्न संगठनों के 2000 लोग प्रसादी वितरण का कार्य और अन्य व्यवस्था संभालेंगे। समारोह की शुरुआत सुबह हनुमान जी का अभिषेक, चोला धारण , श्रृंगार , छप्पन भोग, फल सब्जियों की झांकी से होगा । सुबह 8:00 बजे से वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा वेद उच्चारण के साथ शाम तक अन्य कार्यक्रम होंगे।