खोले के हनुमान मंदिर में तीन दिवसीय श्री हनुमान जन्मोत्सव 15 अप्रेल से शुरू होगा। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है। पूर्व संध्या पर 15 अप्रेल को शाम छह बजे से बनारस घराने के पद्मविभूषण से सम्मानित पं. छन्नूलाल मिश्र के शिष्य हेमंत कुमार आदि संगीत के सुरों के बीच मधुर राग-रागिनी के पारंपरिक भजनों की स्वर लहरियां बिखेरंगे। हनुमान जन्मोत्सव पर 16 अप्रेल को सुबह सात बजे 108 औषधि द्रव्यों और विभिन्न तीर्थों के जल से मंत्रोच्चार के साथ बजरंग बली को स्नान कराया जाएगा। सुबह नौ बजे अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया जाएगा। सुबह दस बजे राजभोग आरती में छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। दोपहर दो से शाम पांच बजे तक हवन होगा। शाम छह बजे से भजन संध्या होगी। 17 अप्रेल को शाम 5 बजे संगीतज्ञ पं. महेश दत्त शर्मा का हनुमान जी महाराज का व्याख्यान होगा।
हाथोज के श्री दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर में स्वामी बालमुकुंदाचार्य के सान्निध्य में श्री हनुमानजी महाराज का जन्मोत्सव 16 अप्रेल को मनाया जाएगा। बालाजी महाराज की फूल बंगला झांकी सजाकर हनुमत नामावली से तुलसी दल और 1108 लड्डू अर्पित किए जाएंगे। इससे पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में अभिषेक कर सुबह 7:15 श्रृगार आरती की जाएगी। दोपहर 12:15 बजे राजभोग आरती एवं शाम 7:15 बजे सायंकालीन आरती की जाएगी। रात्रि 12:15 बजे शयन आरती होगी। रात्रि 8:15 से रात्रि 12:15 बजे तक 108 आसन पर श्रीबालाजी सेवक परिवार की ओर से सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा।
जयपुर। अंबाबाड़ी के संकट मोचन हनुमान मंदिर में 44वां हनुमान जन्मोत्सव 15 व 16 अप्रेल को मनाया जाएगा। पहले दिन सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन होगा, जिसमें 500 भक्त एक साथ सुंदरकांड के पाठ करेंगे। महोत्सव का मुख्य आकर्षक गुफा में रामसेतु के दर्शन होंगे। दर्शनार्थी गुफा में से होते हुए मंदिर पहुंचेंगे। मंदिर में राम सेतु सहित कई झांकियों के दर्शन होंगे। मंदिर समिति के महासचिव सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि दोनों दिन रात्रि 9 बजे सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान उल्लेखनीय कार्य करने वाले 10 लोगों को जयपुर रत्न सम्मान प्रदान किया जाएगा।
जयपुर। त्रिपोलिया बाजार के तंवर जी का नोहरा स्थित शिव शक्ति हनुमान मंदिर में चैत्र पूर्णिमा, 16 अप्रेल को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। महामंडलेश्वर पुरूषोत्तम भारती के सान्निध्य में बजरंग बली का पंचामृत अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराया जाएगा। नवीन पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से मनमोहक श्रृंगार किया जाएगा। विविध व्यंजनों का भोग लगाकर महाआरती की जाएगी।