Lohri 2021: लोहड़ी का पर्व कल, कोरोना के जयपुर में 50 साल में पहली बार टूटेगी परंपरा
मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व बुधवार को खुशहाली के आगमन का प्रतीक पर्व लोहड़ी मनाया जाएगा। पर्व से पूर्व सिख और पंजाबी परिवारों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

जयपुर । मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व बुधवार को खुशहाली के आगमन का प्रतीक पर्व लोहड़ी मनाया जाएगा। पर्व से पूर्व सिख और पंजाबी परिवारों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हालांकि कोरोना काल की बंदिशें हैं, लेकिन लोगों के उत्साह में कमी नहीं है।
जिन परिवारों में नए मेहमान आए हैं या नई-नई शादी हुई है वहां पर विशेष इंतजाम के साथ त्यौहार मनाए जाने की तैयारी है। राजधानी जयपुर में कोरोना के कारण 50 साल में पहली बार शहर की सबसे खास मनाई जाने वाली लोहड़ी के पर्व की रौनक इस बार देखने को नहीं मिलेगी। पंजाब की लोकसंस्कृति को समाजजन घरों में रहकर साकार करेंगे।
जगह में किया बदलाव
राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा के अध्यक्ष रवि नैयर ने बताया कि सर्दी कम होने और फसल पकने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। घरों में दूल्हा भट्टी के गीत और गिद्दा भांगड़ा नृत्य पर्व के आकर्षण का केंद्र रहेंगे। राजापार्क हनुमान ढाबे के पास 50 साल में कार्यक्रम नहीं होगा। यहां देर रात तक सामूहिक लोहड़ी प्रज्जवलन का कार्यक्रम खास होता था। इसके साथ कई गतिविधियां भी आयोजित की जाती थी।
हर साल यहां बड़ी संख्या में सर्वधर्म समाज के लोग पहु्ंचते थे। इस बार राजापार्क में ही दूसरी जगह पर राजापार्क स्थित गली नं 3 के चौराहे पर सादगी से उत्सव को मनाया जाएगा, लेकिन इस बार यहां भी लोगों को एकजुट होने नहीं दिया जाएगा, सिर्फ पूजन किया जाएगा। बिना डीजे और शोर शराबे के कुछ समय में कार्यक्रम होगा। 31 प्रकार की जड़ी बुटियों की सामग्री, गोकाष्ठ काम में लिया जाएगा।
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