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नाम हस्तांतरण के लिए आवेदक को परेशान किया तो जिम्मेदार अधिकारी होगा निलंबित

locationजयपुरPublished: Sep 17, 2020 04:36:12 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

प्रदेश के शहरी निकायों में लालफीताशाही इस कदर हावी है कि आमजन को छोटे से छोटा काम करवाने के लिए भी दर्जनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में सरकार को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ता है। ऐसे में निकायों की कार्य प्रणाली को सुधारने के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने ऐसा फरमान जारी किया है कि अगर आदेश की अवहेलना हुई तो अधिकारी को नौकरी के लाले पड़ सकते हैं। मामला है शहरी निकायों में नाम स्थानांतरण को लेकर चल रहे खेल का।

नाम हस्तांतरण के लिए आवेदक को परेशान किया तो जिम्मेदार अधिकारी होगा निलंबित

नाम हस्तांतरण के लिए आवेदक को परेशान किया तो जिम्मेदार अधिकारी होगा निलंबित

जयपुर।

प्रदेश के शहरी निकायों में लालफीताशाही इस कदर हावी है कि आमजन को छोटे से छोटा काम करवाने के लिए भी दर्जनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में सरकार को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ता है। ऐसे में निकायों की कार्य प्रणाली को सुधारने के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने ऐसा फरमान जारी किया है कि अगर आदेश की अवहेलना हुई तो अधिकारी को नौकरी के लाले पड़ सकते हैं। मामला है शहरी निकायों में नाम स्थानांतरण को लेकर चल रहे खेल का।
धारीवाल की ओर से पत्रावली पर किए गए आदेश के अनुसार अब नाम हस्तांतरण के लिए मौका मुआयना के लिए कोई अधिकारी नहीं जाएंगे। यूडीएच ने यह भी साफ किया है कि इन निर्देशों की किसी अधिकारी ने अवहेलना की तो उस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत मौका मुआयना के लिए भेजने वाले अधिकारी और मौके पर जाने वाले अधिकारी दोनों को निलंबित किया जाएगा। निलंबन के बाद भी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही नगरीय विकास विभाग इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी करेगा।
शिकायतों पर देनी पड़ी सख्त हिदायत

बताया जा रहा है। कि नाम हस्तांतरण के कई प्रकरणों में धारीवाल के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं। लोगों ने धारीवाल को यह भी फीडबैक दिया कि नियमों में प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद मौका मुआयना की रिपोर्ट के नाम पर उन्हें तंग किया जा रहा है। इस फीडबैक के बाद मंत्री शांति धारीवाल की हिदायत पर नगरीय विकास विभाग ने 8 जनवरी 2020 और स्वायत्त शासन विभाग में 15 जनवरी 2020 को आदेश जारी किए। इस आदेश में स्पष्ट कहा गया कि नाम हस्तांतरण के मामलों में किसी भी प्रकार का मौका मुआयना नहीं कराया जाए। इन आदेशों के बावजूद कई निकाय आज भी नाम हस्तांतरण के लिए मौका मुआयना कर आ रहे हैं। इसकी दोबारा शिकायत जब धारीवाल के पास पहुंची तो उन्होंने प्रमुख सचिव नगरीय विकास और स्वायत्त शासन सचिव को कड़े आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
हजारों आवेदन, मगर आपत्ति लगाकर अटकाते हैं काम

निकायों में हर साल हजारों की संख्या में नाम हस्तांतरण के आवेदन आते हैं। आवेदन के साथ आवेदक की ओर से वो सभी दस्तावेज पेश किए जाते हैं, जिनके आधार पर निकाय नाम हस्तांतरण करते हैं। नगर पालिका अधिनियम, नगर सुधार अधिनियम या अन्य किसी भी कानून में नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए मौका मुआयना का प्रावधान नहीं है। इसके बाद भी निकायों के अधिकारी मौका मुआयना करके नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया को अटका देते हैं, ताकि भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा सके।
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