हाल ही एक कम्यूनिकेशन एप ने इस दिशा में सभी का ध्यान खींचा है। ‘अंडरस्टेंडिंग द इम्पेक्ट ऑफ हैरेसमेंट एंड स्पैम कॉल्स ऑन वुमन’ स्टडी के दौरान पता चला है कि देशभर की 36 फीसदी महिलाएं अनुचित और सेक्सुअल कंटेंट के कॉल्स और मैसेजेस की शिकार हैं। ना चाहते हुए भी उनके पास इस तरह की कॉल्स और मैसेजेस आ रहे हैं, जो उनकी गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।
बेनाम भेज रहे हैं कंटेंट
सर्वे के मुताबिक 50 प्रतिशत महिलाओं को बेनाम लोगों ने यह मैसेज भेजे हैं। वहीं 11 प्रतिशत महिलाओं को पीछा करने वाले लोगों ने भद्दे मैसेज किए हैं। सर्वे में यह भी निकल कर आया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को 18 प्रतिशत तक ज्यादा अनचाहे कॉल्स आते हैं। 65 प्रतिशत महिलाएं इससे उबरने के लिए हैरेस करने वाले का नम्बर ब्लॉक कर देती हैं। मात्र 10 प्रतिशत महिलाएं ही अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचाती हैं।
कुछ इस तरह की आ रही हैं शिकायतें
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र सिंह कहते हैं ‘व्हाट्सएप पर भद्दे मैसेज और वीडियोज को लेकर शहर की गल्र्स शिकायतें कर रही हैं, हालांकि अभी भी अवेयरनेस की जरूरत है। गल्र्स को अपने मोबाइल को लेकर अवेयर रहना चाहिए। खासकर एप्स डाउनलोड करने से पहले पूरी सावधानी बरतें। ज्यादातर एप आपके फोन की सम्पूर्ण जानकारी मांगते हैं, ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है। इसे भी ध्यान में रखें कि मोबाइल पर किसी भी अनजान व्यक्ति की पहचान पर विश्वास ना करें, क्योंकि वो फ्र ॉड हो सकता है और आपको नुकसान पहुंचा सकता है।’
पैरेंट्स नहीं करवाते एफआईआर
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन शर्मा बताते हैं, फोन के जरिए हैरेसमेंट की शिकायतें बढ़ रही हैं, लेकिन ये शिकायतें पुलिस तक नहीं पहुंच पाती। खासकर पैरेंट्स लड़कियों को पुलिस में शिकायत नहीं करने देते।