याचिकाकर्ता का कहना है कि राजस्थान सरकार ने रियल एस्टेट (रेग्यूलेशन और डवलपमेंट ) एक्ट-2016 के नियम-44 के तहत रेरा के आदेश के खिलाफ रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है। राजस्थान सरकार रेरा नियम-2017 बना चुकी है और यह तीन मई,2017 से लागू भी हो चुके हैं। नियम-28 के तहत ट्रिब्यूनल सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया तय है तो धारा-46 में चेयरमैन और सदस्यों की पात्रता तय है। लेकिन ट्रिब्यूनल काम नहीं कर रहा है और ना ही सरकार ने अब तक इसके गठन के लिए कोई कदम उठाए हैं। इस कारण याचिकाकर्ता रेरा के आदेश के खिलाफ अपील नहीं कर पा रहा है।
कोर्ट ने याचिका की कॉपी महाधिवक्ता कार्यालय में देने और महाधिवक्ता से मुख्य सचिव का हलफनामा पेश कर रेरा ट्रिब्यूनल का अब तक गठन नहीं होने और गठन के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।