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मनी लॉड्रिंग मामला:हाईकोर्ट का पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को जमानत देने से इनकार

locationजयपुरPublished: Jul 06, 2020 07:59:07 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Rajasthan Highcourt ) हाईकोर्ट ने खान महाघूस कांड से जुडे (Mone Laundring case) मनी लॉड्रिंग केस में (ex IAS Ashok Singhvi) पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी और एक अन्य आरोपी मोहम्मद रशीद शेख को (Bail) जमानत देने से (Declined) इनकार कर दिया है। (Justice SK Sharma) न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने सिंघवी और शेख की (Bail Appli) जमानत याचिका (Dismissed) खारिज कर दी हैं।

जयपुर
(Rajasthan Highcourt ) हाईकोर्ट ने खान महाघूस कांड से जुडे (Mone Laundring case) मनी लॉड्रिंग केस में (ex IAS Ashok Singhvi) पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी और एक अन्य आरोपी मोहम्मद रशीद शेख को (Bail) जमानत देने से (Declined) इनकार कर दिया है। (Justice SK Sharma) न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने सिंघवी और शेख की (Bail Appli) जमानत याचिका (Dismissed) खारिज कर दी हैं।
यह कहा आरोपियों ने…..
आरोपियों का कहना था कि मामले के सह—आरोपियों को 12 मई,2020 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है और उनके खिलाफ भी समान ही आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय मामले में शिकायत पेश कर चुका है और अब उनसे कोई अनुसंधान या जांच बाकी नहीं है। दोनों के स्टेटमेंट रिकार्ड हो चुके हैं और प्रवर्तन निदेशालय अनुसंधान के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था और ना ही उन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब करने की गुहार ही की थी। एसीबी के केस में उन्हें जमानत मिल चुकी है इसलिए उन्हें मनी लॉड्रिंग केस में भी जमानत दी जाए।
ईडी ने किया विरो…..
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तौगी ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कई मामलों में कह चुका है कि आर्थिक अपराध में जमानत पर अलग दृष्टिकोण से विचार होना चाहिए। आर्थिक अपराध ना केवल देश की आर्थिक हालात के लिए हानिकारक हैं बल्कि इससे समाज के मूल ढांचे को भी भारी नुकसान होता है। दोनों आरोपी मामले में मुख्य सरगना थे। सिंघवी खान विभाग के प्रमुख सचिव थे और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्चत लेने की साजिश रची थी। एसीबी ने दो करोड 55 लाख रुपए बरामद किए थे। इसमें से एक करोड 58 लाख रुपए आरोपी शेख ने दिए थे। टेलिफोन कॉल रिकार्डिंग,बैंक स्टेटमेंट सहित अन्य दस्तावेजी सबूत रिकार्ड पर मौजूद हैं और दोनों सह—आरोपियों के समान समानता की मांग नहीं कर सकते।
कोर्ट ने नहीं दी जमानत…..
कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद माना है कि रिकार्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर अशोक सिंघवी पूरे मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे। उन्हीं के कहने पर दो करोड 55 लाख रुपए की रिश्चत एकत्रित की गई थी। आरोपी राशिद शेख ने भी अपराध में अहम भूमिका निभाई थी और उसने स्वयं स्वीकार किया है कि एक करोड 58 लाख रुपए उसने ही दिए थे। सह आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तय तारीख पर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था जबकि सिंघवी और शेख ने जून में सरेंडर किया है। इससे कानून के प्रति उनकी निष्ठा नहीं होना साबित है। इसलिए मामले में आरोपियों की मुख्य भूमिका और पुख्ता सबूतों को देखते हुए दोनों को जमानत नहीं दी जा सकती।
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