जयपुरPublished: May 20, 2020 08:14:01 pm
Mukesh Sharma
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने दौसा और धौलपुर सहित अन्य जिलों में राशन के (wheat) गेहूं की (Black market) काला बाजारी करने के आरोपी (Fair Price Dealers) राशन डीलरों को किसी प्रकार की (relief) राहत देने से (Delined) इनकार कर दिया है।
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने दौसा और धौलपुर सहित अन्य जिलों में राशन के (wheat) गेहूं की (Black market) काला बाजारी करने के आरोपी (Fair Price Dealers) राशन डीलरों को किसी प्रकार की (relief) राहत देने से (Delined) इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि याचिकाकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान बीपीएल व अन्य राशनकार्ड धारियों के लिए भेेजे गए गेहूं की काला बाजारी करने के आरोप हैं इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दुकान के लाईसेंस निलंबन के आदेश के खिलाफ अपीलीय अधिकारी से अपील करने की छूट दी है। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश शिवराम मीणा व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट लक्ष्मीकांत मालपुरा ने कोर्ट को बताया था कि कुछ लोग राशनकार्ड रखने के बावजूद पिछले कुछ सालों से राशन के गेहूं नहीं ले रहे थे, लेकिन महामारी के चलते अब राशनकार्डधारियों ने गेहूं लिया है। इसकी एंट्री भी रिकॉर्ड में है। अचानक से गेहूं का वितरण बढऩे के कारण विभाग ने इसे अनियमितता मानते हुए उनकी दुकान के लाईसेंस रद्द कर दिए। जबकि उनके खिलाफ किसी ने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई थी। ऐसे में उनके निलंबन आदेश को रद्द कर लाईसेंस को बहाल किया जाए,लेकिन कोर्ट ने दलील मानने से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं।