28 अगस्त,2019 को यूनिवर्सिटी ने अदालत को बताया था कि वीसी ने नियुक्ति की प्रारंभिक तारीख से अलग- अलग विषयों के सेवानिवृत्त और कार्यरत शिक्षकों को सीएएस का लाभ देने के लिए प्रो.अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। इसके लिए राज्य सरकार से बजट स्वीकृत करवाना होगा और इससे पहले 272 दावेदारों को दिए जाने वाले भुगतान के लिए फिक्सेशन व गणना भी करनी होगी।
4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी के वकील ने कोर्ट को बताया कि हालांकि वीसी ने प्रो.अल्पना की अध्यक्षता में कमेटी बना दी थी। 18 याचिकाकर्ता अलग-अलग विषयों के हैं और कुल 32 विषय हैं इसलिए यूनिवर्सिटी ऑर्डिनेंस के अनुसार कमेटी विषयवार बनानी होगी और इसमें कम से कम एक महीना लगेगा।
यह दुर्भाग्यपूण है…
कोर्ट ने कहा है कि पिछली तारीख पर कोर्ट को सही तथ्य नहीं बताना और अदालत को यह प्रभाव देना कि प्रो. अल्पना कटेजा की कमेटी का स्क्रूटनी करके सारे काम कर लेगी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन,अब बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी को विषयवास अलग-अलग कमेटी बनानी होगीं। कमेटी में सिंडीकेट सदस्य के अतिरिक्त वीसी और राज्य सरकार की ओर से एक-एक नामित प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट शामिल होगें। देशभर से सब्जेक्ट एक्सपर्ट की मंजूरी भी लेनी होगी और इस कवायद में छह सप्ताह लगेगें। कोर्ट ने वीसी को 6 नवंबर तक हर हाल में कमेटियां गठित करने और कोर्ट को बताने अन्यथा सख्त आदेश की चेतावनी दी है।