scriptयूनिवर्सिटी शिक्षकों को सीएएस लाभ का मामला,6 नवंबर तक बने कमेटियां-हाईकोर्ट | HC directs to constitute committee up to 6 Nov for CAS to teachers | Patrika News

यूनिवर्सिटी शिक्षकों को सीएएस लाभ का मामला,6 नवंबर तक बने कमेटियां-हाईकोर्ट

locationजयपुरPublished: Oct 11, 2019 08:15:18 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने राजस्थान यूनिवर्सिटी शिक्षकों को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तारीख से कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) (CAS) का लाभ देने के अदालती आदेश की पालना के लिए विषयवार कमेटियां(Subject wise committee) बनाने और 6 नवंबर तक कोर्ट को बताने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश की पालना नहीं होने पर अवमाननाकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जयपुर

अदालत ने यह अंतरिम आदेश डॉ.बी.डी.रावत व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए हैं। दरअसल हाईकोर्ट ने 2012 में याचिकाकर्ताओं सहित यूनिवर्सिटी के नियमित शिक्षकों को सीएएस का लाभ उनकी प्रारंभिक नियुक्ति की तारीख से देने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने यह लाभ 2013 से दिया। इस पर डॉ.रावत ने 2015 में अवमानना याचिका दायर की। इस बीच खंड़पीठ से सरकार और यूनिवर्सिटी की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील भी खारिज हो गई। 29 नवंबर,2018 को सुप्रीम कोर्ट से सरकार और यूनिवर्सिटी की हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी भी खारिज हो गई। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने खंड़पीठ के आदेश की पालना नहीं होने पर एक और अवमानना याचिका दायर कर दी।

28 अगस्त,2019 को यूनिवर्सिटी ने अदालत को बताया था कि वीसी ने नियुक्ति की प्रारंभिक तारीख से अलग- अलग विषयों के सेवानिवृत्त और कार्यरत शिक्षकों को सीएएस का लाभ देने के लिए प्रो.अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। इसके लिए राज्य सरकार से बजट स्वीकृत करवाना होगा और इससे पहले 272 दावेदारों को दिए जाने वाले भुगतान के लिए फिक्सेशन व गणना भी करनी होगी।

4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी के वकील ने कोर्ट को बताया कि हालांकि वीसी ने प्रो.अल्पना की अध्यक्षता में कमेटी बना दी थी। 18 याचिकाकर्ता अलग-अलग विषयों के हैं और कुल 32 विषय हैं इसलिए यूनिवर्सिटी ऑर्डिनेंस के अनुसार कमेटी विषयवार बनानी होगी और इसमें कम से कम एक महीना लगेगा।

यह दुर्भाग्यपूण है…

कोर्ट ने कहा है कि पिछली तारीख पर कोर्ट को सही तथ्य नहीं बताना और अदालत को यह प्रभाव देना कि प्रो. अल्पना कटेजा की कमेटी का स्क्रूटनी करके सारे काम कर लेगी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन,अब बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी को विषयवास अलग-अलग कमेटी बनानी होगीं। कमेटी में सिंडीकेट सदस्य के अतिरिक्त वीसी और राज्य सरकार की ओर से एक-एक नामित प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट शामिल होगें। देशभर से सब्जेक्ट एक्सपर्ट की मंजूरी भी लेनी होगी और इस कवायद में छह सप्ताह लगेगें। कोर्ट ने वीसी को 6 नवंबर तक हर हाल में कमेटियां गठित करने और कोर्ट को बताने अन्यथा सख्त आदेश की चेतावनी दी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो