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आरएएस 2018:मुख्य परीक्षा परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटी,2013 व 2016 के अभ्यर्थी भी बचे

locationजयपुरPublished: Jun 30, 2020 08:04:57 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (RAS recruitment 2018) आरएएस भर्ती-2018 की (Final Exam) मुख्य परीक्षा का (Result) परिणाम जारी करने पर लगी (Stay) रोक को (Vacate) हटा लिया है और इस संबंध में दायर (Petitions) याचिकाओं का (Disposal) निपटारा कर दिया है।

आरएएस 2018:मुख्य परीक्षा परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटी,2013 व 2016 के अभ्यर्थी भी बचे

आरएएस 2018:मुख्य परीक्षा परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटी,2013 व 2016 के अभ्यर्थी भी बचे

जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (RAS recruitment 2018) आरएएस भर्ती-2018 की (Final Exam) मुख्य परीक्षा का (Result) परिणाम जारी करने पर लगी (Stay) रोक को (Vacate) हटा लिया है और इस संबंध में दायर (Petitions) याचिकाओं का (Disposal) निपटारा कर दिया है। न्यायाधीश अशोक गौड़ ने रोक हटाने के आदेश आरपीएससी और राज्य सरकार की अर्जी को मंजूर करते हुए दिए।
यह था विवाद—
राजस्थान राज्य और अधीनस्थ सेवा(संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा से सीधी भर्ती)नियम 1999 के नियम—15 के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के अनुसार मुख्य परीक्षा के लिए प्रत्येक श्रेणी यानि एससी,एसटी,ओबीसी,एमबीसी सहित अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को कट—आॅफ के अनुसार आमंत्रित किया जाता है। 2018 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के अनुसार अनारक्षित श्रेणी की कट—आॅफ 76 और ओबीसी की 99 रही थी। आरपीएससी ने इसके अनुसार ही 15 गुणा अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया।
याचिकाकर्ता सुरज्ञान सिंह व अन्य का कहना था कि वह ओबीसी अभ्यर्थी हैं और उनकी कट—आॅफ अनारक्षित श्रेणी से ज्यादा और ओबीसी से कम है। लेकिन नियम—15 का हवाला देकर अनारक्षित की कट—आॅफ से ज्यादा नंबर होने के बावजूद मैरिट को दरकिनार कर मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा। हाईकोर्ट ने एक दिसंबर,2018 को याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करने और मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी।
आरपीएससी ने बदला नियम—
याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान राज्य सरकार ने नियम—15 में संशोधन कर प्रारंभिक परीक्षा में श्रेणीवार के स्थान पर कुल सफल अभ्यर्थियों के 15 गुणा अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने का संशोधन कर दिया। इसके साथ ही यह भी प्रावधान कर दिया कि यदि किसी आरक्षित श्रेणी में कट—आॅफ के कारण 15 गुणा अभ्यर्थी नहीं होते हैं तो उससे नीचे के अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल कर 15 गुणा की संख्या को पूरा किया जाएगा।
2013 और 2016 वालों को भी बचाया—
हाईकोर्ट ने 2013 और 2016 की आरएसएस भर्ती परीक्षा में मानसी तिवाडी और गरिमा शर्मा के मामले में ओबीसी के 15 गुणा से ज्यादा शामिल किए गए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करने के आदेश दिए थे। आरपीएससी और राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी और यह मामले अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेश के बाद सरकार ने दोनों साल की भर्ती परीक्षाओं में हाईकोर्ट के आदेश से बाहर होने वाले लगभग 35 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां भी दे दी हैं। लेकिन,अब संशोधित नियम को 2013 और 2016 की भर्तियों पर भी लागू करने से इन दोनों परीक्षा की चयन प्रक्रिया में शामिल किए गए 15 गुणा से ज्यादा अभ्यर्थी भी सुरक्षित हो गए हैं।
यह कहा आरपीएससी व सरकार ने—
सरकार ने नियम 15 में संशोधन पेश कर कोर्ट को बताया कि आरपीएससी ने ओबीसी की कट—आॅफ से कम लेकिन अनारक्षित की कट—आॅफ से ज्यादा अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल कर लिया है और अब इस संबंध में कोई विवाद शेष नहीं रहा है। इसलिए परिणाम जारी करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट दोनों अर्जी मंजूर करते हुए परिणाम जारी करने की अनुमति देकर याचिकाओं का निपटारा कर दिया है।
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