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शास्त्री नगर कब्रिस्तान:हाईकोर्ट की सिविल अदालतों के आदेश देने पर पाबंदी

locationजयपुरPublished: Sep 27, 2019 09:47:40 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

हाईकोर्ट ने जयपुर की अधीनस्थ अदालतों (civil courts) पर शास्त्री नगर कब्रिस्तान(Shastri nagar kabristan) के संबंध में किसी भी प्रकार का आदेश देने की पाबंदी (Restrians) लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश एन.एस.ढड़्ढ़ा ने यह अंतरिम आदेश फिरोजुद्दीन की जनहित याचिका (PIL) पर दिए है।

जयपुर

कोर्ट ने एक मामले में अधीनस्थ अदालत के हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद स्टे देने पर आश्चर्य जताया है। महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार अधीनस्थ अदालत के मामले में अर्जी दायर कर स्टे हटवाने की कार्रवाई करेगी। इस पर कोर्ट ने शास्त्री नगर कब्रिस्तान के उक्त मामले के अतिरिक्त किसी भी अन्य मामले में अधीनस्थ अदालतों को आदेश देने से पाबंद कर दिया है। मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने कब्रिस्तान से संबंधित सभी याचिकाएं और अर्जियां सुनवाई के लिए एक साथ सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
7 की हुई थी मौत….
राजस्थान वक्फ बोर्ड के एडवोकेट एस.एस.अली का कहना है कि कई दशक पहले चांदपोल स्थित कब्रिस्तान को बंद करने के बाद शास्त्री नगर में कब्रिस्तान के लिए 57 बीघा जमीन आवंटित हुई थी। इसमें से करीब 40 बीघा जमीन पर ही तीन ओर चारदीवारी का निर्माण हुआ था। धीरे—धीरे जमीन पर अतिक्रमियों ने कब्जे कर दुकान व मकानों का निर्माण कर लिया था। कब्रिस्तान से अतिक्रमियों को हटाने की कार्रवाई के दौरान 1997 में दंगे हो गए थे और इसमें सात लोग मारे गए थे। दंगे के चलते कई साल तक अतिक्रमियों को हटाने में प्रशासन नाकाम रहा लेकिन बाद में समझाईश और पुर्नवास करने पर अधिकांश अतिक्रमियों ने जमीन खाली कर दी है।
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