राजस्थान वक्फ बोर्ड के एडवोकेट एस.एस.अली का कहना है कि कई दशक पहले चांदपोल स्थित कब्रिस्तान को बंद करने के बाद शास्त्री नगर में कब्रिस्तान के लिए 57 बीघा जमीन आवंटित हुई थी। इसमें से करीब 40 बीघा जमीन पर ही तीन ओर चारदीवारी का निर्माण हुआ था। धीरे—धीरे जमीन पर अतिक्रमियों ने कब्जे कर दुकान व मकानों का निर्माण कर लिया था। कब्रिस्तान से अतिक्रमियों को हटाने की कार्रवाई के दौरान 1997 में दंगे हो गए थे और इसमें सात लोग मारे गए थे। दंगे के चलते कई साल तक अतिक्रमियों को हटाने में प्रशासन नाकाम रहा लेकिन बाद में समझाईश और पुर्नवास करने पर अधिकांश अतिक्रमियों ने जमीन खाली कर दी है।