अधिवक्ता जयसिंह राठौड़ ने बताया कि पहले प्रार्थिया का ट्रांसफर जयपुर से झांफदाकला कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी थी। शिक्षा विभाग ने अदालती रोक के बावजूद भी उसका ट्रांसफर 29 सितंबर 2019 को जयपुर से चित्तौडढ़़ कर दिया । हालांकि विभाग ने अपनी गलती मानते हुए 21 अक्टूबर 2019 को प्रार्थिया को पुन:मौजूदा स्कूल में ही लगा दिया। 11 नवंबर 2019 को विभाग ने प्रार्थिया को बिना कोई कारण बताए निलंबित कर दिया और बीकानेर मुख्यालय पर हाजिरी देने के लिए कहा। निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि पूर्व में उसका ट्रांसफर दुर्भावना से किया और उसकी जगह पर किसी अन्य शिक्षक को लगाया था बाद में बिना किसी कारण निलंबित कर दिया गया।