राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने लड़कियों को सैनिक स्कूल में प्रवेश देने का नीतिगत निर्णय ले लिया है। इसके लिए दोनों ने समाचार पत्र की एक कटिंग भी पेश की और बताया कि राज्य सरकार ने अगले सत्र से चितौडग़ढ़ में ९१ लड़कियों को प्रवेश देने और इसके लिए राज्य सरकार ने १२ करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन,अदालत ने इसे मानने से इनकार करते हुए दोनों सरकारों को घोषणा के संबंध में हलफनामे पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिका में सैनिक स्कूलों मंे लड़कियों को प्रवेश नहीं देने को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आज जब सभी क्षेत्रों सहित सेना में भी लड़कियां काम कर रही हैं तो सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश नहीं देना लिंगभेद के आधार पर भेदभाव है।