रोड सेफ्टी पॉलिसी को लागू नहीं करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जयपुरPublished: Sep 10, 2019 07:00:14 pm
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt ) ने राज्य के ट्रांसपोट कमिश्नर,नगरीय व आवासन विभाग के प्रमुख सचिव,ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन और डीसीपी ट्रैफिक से रोड सेफ्टी पॉलिसी 2017(Road saftey policy ) को लागू नहीं करने पर जवाब मांगा है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ढड्ढा ने यह अंतरिम आदेश मुस्कान फांउडेशन की जनहित(PIL) याचिका पर दिए।
रोड सेफ्टी पॉलिसी को लागू नहीं करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जयपुर याचिका में कहा है कि 2015 में राजस्थान रोड एक्सीडेंट में हुई मौत व घायलों के मामले में देशभर में 5 वें नंबर पर था। 2018 में नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भी राजस्थान 2016 में रोड एक्सीडेंट में मौत व घायलों के मामले में ५ वें नंबर पर था। रोड सेफ्टी के मामले में जस्टिस राधाकृष्णन ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी थी । इसमें सड़कों की डिवाईन,निर्माण व देखरेख रोड सेफ्टी के अनुसार होने व इसकी ऑडिट करवाने,कानून व इंडियन रोड कांग्रेस की गाईड लाईंस की पालना में सख्ती दिखाने,सड़कों से ध्यान भटकाने वाले होर्डिंग हटाने व सड़कों के ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने सहित राज्यों को रोड सेफ्टी पॉलिसी बनाने की सिफारिशें की थीं।
राजस्थान सरकार ने 2017 में पॉलिसी बनाई है और 2015 को आधार वर्ष मानकर वर्ष 2020 तक सड़क दुघटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने का प्रावधान किया। पॉलिसी में आमजन के सहयोग से रोड सेफ्टी का माहौल तैयार करने व इसके लिए वित्तीय ढांचे को मजबूत करने,सड़कों का निर्माण रोड सेफ्टी के अनुसार इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार करने के प्रावधान हैं। इस साल 17 और 19 जुलाई को जयपुर के जेडीए सर्किल पर हुए दो एक्सीडेंट ने आमजन में दहशत का माहौल उत्पन्न कर दिया है। जेएलएन रोड के आदर्श पथ की इंजिनियरिंग की पोल बारिश में खुल चुकी है लेकिन सरकार रोड सेफ्टी पॉलिसी की पालना नहीं कर रही है। याचिका में पॉलिसी की पालना के निर्देश देने की गुहार की गई है।