scriptएचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने क्लोज एंडेड को ओपन एंडेड में बदला, निवेशकों को निकलने की सलाह | HDFC Mutual Fund turns closed-end to open-ended | Patrika News

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने क्लोज एंडेड को ओपन एंडेड में बदला, निवेशकों को निकलने की सलाह

locationजयपुरPublished: Dec 18, 2020 11:25:08 pm

देश के दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund ) ने अपने हाउसिंग अपोच्र्युनिटीज फंड (Housing Opportunities Fund) सिरीज-1 को ओपन एंडेड स्कीम में बदल दिया है। यह उस समय बदला गया है जब इसकी एक महीने बाद मैच्योरिटी होने वाली है। ऐसे में निवेशकों ( investors ) को इस फंड से निकलने की सलाह दी जा रही है।

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने क्लोज एंडेड को ओपन एंडेड में बदला, निवेशकों को निकलने की सलाह

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने क्लोज एंडेड को ओपन एंडेड में बदला, निवेशकों को निकलने की सलाह

मुंबई। देश के दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने अपने हाउसिंग अपोच्र्युनिटीज फंड (एचओएफ) सिरीज-1 को ओपन एंडेड स्कीम में बदल दिया है। यह उस समय बदला गया है जब इसकी एक महीने बाद मैच्योरिटी होने वाली है। ऐसे में निवेशकों को इस फंड से निकलने की सलाह दी जा रही है।
बता दें कि एचओएफ सिरीज अंडर परफार्म रहा है। यानी इसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। इसका असेट अंडर मैनेजमेंट 3088 करोड़ रुपए रहा है। फंड हाउस के इस फैसले का मतलब यह हुआ कि यह फंड लगातार बिना किसी लॉक-इन या प्रतिबंध के चलता रहेगा और इसमें नए निवेशक पैसे लगा सकते हैं। इन्वेस्टमेंट एडवाइजर यह सलाह दे रहे हैं कि इसमें से वर्तमान निवेशकों को निकल जाना चाहिए, क्योंकि यह लगातार खराब प्रदर्शन करता रहा है।
एचओएफ सिरीज फंड को क्लोज एंडेड फंड के रूप में 2017 नवंबर में लॉन्च किया गया था। इसका टेन्योर 1440 दिन था। यानी 18 जनवरी 2021 को इसकी मैच्योरिटी होनी है। इस स्कीम में 3 साल का लॉक इन था। यानी तीन साल से पहले कोई निवेशक पैसे नहीं निकाल सकता था। इसमें निवेशकों को सालाना 1.79 फीसदी का घाटा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि इसके बराबर के फंड हाउस से इसकी तुलना करें तो इस फंड का काफी खराब प्रदर्शन रहा है। ऐसे में निवेशकों को पोर्टफोलियो का रिटर्न बेहतर करने के लए दूसरे क्वालिटी वाले फंड में जाना चाहिए।
फंड एडवाइजर के मुताबिक तीन सालों का समय काफी लंबा समय होता है और अगर इतने समय में फंड का रिटर्न सही नहीं रहा है तो फिर निवेशकों को इससे निकल जाना चाहिए। यह कहना मुश्किल है कि तीन साल के बाद अब यह स्कीम आगे अच्छा प्रदर्शन करेगी। आंकड़े बताते हैं कि तीन साल पहले अगर किसी ने इस स्कीम में एक लाख रुपए का निवेश किया होगा तो वह इस समय घटकर 95 हजार रुपए हो गया है, जबकि इसी दौरान में इक्विटी बाजार और म्यूचुअल फंड की अन्य स्कीम्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
इसकी एनएवी 14 दिसंबर को 9.46 रुपए प्रति यूनिट पर थी, जबकि इसके बेंचमार्क ने 9.65 फीसदी का रिटर्न दिया है। जिन निवेशकों ने 27 नवंबर को 10 हजार रुपए का निवेश किया होगा वह रकम अब घट कर 9082 रुपए हो गई है। लांचिंग के 5 महीने बाद इसके फंड मैनेजर ने इसकी 80 फीसदी असेट्स इक्विटी में डाल दी थी। यह स्कीम शुरुआती समय में स्माल कैप में ओवरवेट थी, जबकि स्माल कैप का प्रदर्शन बहुत ही खराब था। विश्लेषकों के मुताबिक यह केवल फंड मैनेजर की ही गलती नहीं थी। बल्कि इसके अलोकेशन में भी गलती थी। जिन शेयरों का चयन किया गया वे बहुत अच्छे प्रदर्शन वाले नहीं थे। जैसे-जैसे यह स्कीम मैच्योर होने के करीब आई है, इसका अलोकेशन कम रिटर्न वाले लिक्विड असेट्स में कर दिया गया है, जबकि इस समय इक्विटी बाजार बेहतर रिटर्न दे रहा है। इसका एक्सपेंस रेशियो 1.34 फीसदी है। इसके पोर्टफोलियो में कुल 37 शेयर हैं। एक जून 2019 से इसका प्रबंधन प्रशांत जैन कर रहे हैं जो इंडस्ट्री के जाने माने फंड मैनेजर हैं।
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