मधुमेह रोग में
मधुमेह रोगियों के लिए नेवी बीन को बहुत अच्छा माना गया है। नेवी बीन शरीर में ब्लड शुगर को इंप्रूव करने के साथ ही पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता को भी बढ़ाती है। इस तरह शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स के अवशोषण को बढ़ाया जा सकता है। नेवी बीन के नियमित सेवन से ग्लूकोज और इंसुलिन को मेंटेन रखा जा सकता है, इस तरह भविष्य में डायबिटीज की आशंका को भी कम किया जा सकता है।
पेट रहेगा स्वस्थ
इस बीन में फाइबर की मात्रा बहुत अच्छी होती है, जो पेट क्रिया को सुचारू बनाए रखता है। कब्ज और डायरिया की समस्या से परेशान लोगों को नेवी बींस का सेवन अवश्य करना चाहिए। इतना ही नहीं, इस बीन के नियमित सेवन से कोलन कैंसर और गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या भी दूर हो जाती है।
मसल्स की ग्रोथ
अन्य दालों और बींस की तरह नेवी बींस को भी प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है। दरअसल प्रोटीन हमारे शरीर में नई कोशिकाओं, टिश्यूज, मसल्स, हड्डियों, ब्लड वैसल्स आदि के निर्माण और वृद्धि के लिए जरूरी होता है। एक कप नेवी बीन से १५ ग्राम प्रोटीन लिया जा सकता है।
हार्ट हेल्थ
इस बीन में मैग्नीशियम और फोलेट होता है, जो हृदय को कई तरह के रोगों से बचाने का काम करता है। इसमें पाया जाने वाला फोलेट होमोसिस्टीन के लेवल को कम करने का काम करता है, जो हृदय रोग के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसी तरह मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं में तनाव कम कर रक्त संचार को सुचारू बनाने का काम करता है।
ब्लड फ्लो
रक्त संचार को दुरुस्त रखने के लिए नेवी बीन उपयोगी है। इसमें पाया जाने वाला खनिज लौह नई रक्त कणिकाओं को निर्माण बढ़ाने के साथ ही शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई भी बढ़ाता है। इसलिए यदि आप एनीमिया से पीडि़त हैं तो इस बीन का सेवन करना लाभकारी होगा। यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने के साथ ही शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ाता है।
एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर
एंटी ऑक्सीडेंट्स के लिए भी नेवी बींस को अच्छा माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले एंजाइम्स शरीर की फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं। इस तरह नेवी बींस के सेवन से कैंसर का रिस्क कम किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला कॉपर ब्लड फ्लो को सही रखने के साथ ही शरीर मेें लचीलापन भी बढ़ाता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है।