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राजस्थान में चिकित्सा मंत्री का बड़ा ऐलान, अब इन गंभीर रोगों की दवाईयां भी मिलेगी एकदम मुफ्त

locationजयपुरPublished: Feb 16, 2019 05:12:03 pm

Submitted by:

rohit sharma

राजस्थान में चिकित्सा मंत्री का बड़ा ऐलान, अब इन गंभीर रोगों की दवाईयां भी मिलेगी एकदम मुफ्त

जयपुर।

राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री raghu sharma ने शनिवार को हृदय रोग सहित अन्य गंभीर बीमारियों की दवाईयां मुफ्त में देने की बड़ी घोषणा की। मंत्री शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाकर हृदय रोग सहित अन्य गंभीर रोगों की दवाईयां निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा सरकार राज्य के प्रत्येक नागरिक को ‘राइट टू हेल्थ‘ देने के लिए प्रतिबद्ध है। जन घोषणा पत्र में सबके लिये स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने के साथ ही रोगमुक्त राजस्थान के निर्माण का संकल्प लिया है। सभी के लिए गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि ‘‘पहला सुख निरोगी काया‘ माना जाता है। स्वस्थ व्यक्ति ही समाज और राष्ट्र के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं। वर्तमान परिवेश में बढ़ती जनसंख्या की स्थिति, बिगड़ता पर्यावरण, अशुद्ध खानपान, अशुद्ध पेयजल, बढ़ता मानसिक तनाव एवं बदलती जीवनशैली से स्वास्थ्य संबंधित अनेक समस्यायें बढ़ रही हैं।
चिकित्सा मंत्री ने घोषणा में निःशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाते हुए, कैंसर, हृदय रोग, श्वसन और गुर्दा जैसे गंभीर रोगियों को दी जाने वाली महंगी दवाओं को भी जोड़ने के निर्देश दिए। अब प्रदेश में 600 नए दवा वितरण केंद्र खोलने से आमजन को चिकित्सा केंद्रों में सुगमता से निःशुल्क दवा उपलब्ध हो सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व में 29 प्रतिशत मौतों का कारण दिल की बीमारियां मानी जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 20 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में हृदय रोगी हैं और वर्ष 2020 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। एम्स नई दिल्ली द्वारा 14 वर्ष से अधिक की उम्र के बच्चों के सवेर्ं के अनुसार 25 प्रतिशत बच्चों में हाइपरटेंशन व मोटापा है और यही हृदय रोग का कारण बनता है।
चिकित्सा विभाग हृदय रोग के उपचार की सुविधाओं को निरन्तर बढा रहा है। आवश्यक सुविधाएं व विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं सुलभ करायी जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित जीवन शैली से हृदयघात में 3 प्रतिशत कमी संभव है। इसके लिये योग, ध्यान, व्यायाम और भ्रमण आदि के साथ ही स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन के प्रति जागरूकता भी आवश्यक है। राज्य में 33 स्थानों पर योग सेंटर विकसित किए गए हैं, इसके साथ ही इनका विस्तार भी किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने एसएमएस अस्पताल के हृदय रोग विभाग को टावी पद्वति से सफल ऑपरेशन कर उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल बनने पर बधाई दी।

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