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सिगरेट पीने से आप हो सकते हैं अंधे, इस शोध में हुआ खुलासा

locationजयपुरPublished: Mar 22, 2020 07:59:17 pm

Submitted by:

Kartik Sharma

Health news in hindi : जयपुर- नियमित धूम्रपान से न केवल फेफडों और हृदय पर बुरा प्रभाव होता है, बल्कि इससे आप अंधे भी हो सकते हैं। सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन रेटिना पर बुरा प्रभाव डालते हैं- यह आँख के पीछे का एक भाग होता है, जो दृष्टि बनाने में सहायता करता है। आँख के लिये रेटिना वैसा ही है, जैसा कैमरे के लिये फिल्म-रोल होता है। साल 2020 के अंत तक भारत में दृष्टिहीनों की संख्या बढकर 15 मिलियन पहुंच सकती है।

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Health news in hindi : जयपुर- नियमित धूम्रपान से न केवल फेफडों और हृदय पर बुरा प्रभाव होता है, बल्कि इससे आप अंधे भी हो सकते हैं। सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन रेटिना पर बुरा प्रभाव डालते हैं- यह आँख के पीछे का एक भाग होता है, जो दृष्टि बनाने में सहायता करता है। आँख के लिये रेटिना वैसा ही है, जैसा कैमरे के लिये फिल्म-रोल होता है। साल 2020 के अंत तक भारत में दृष्टिहीनों की संख्या बढकर 15 मिलियन पहुंच सकती है। धूम्रपान इस रोकथाम के योय दृष्टिहीनता के प्रमुख कारणों में से एक है। इससे रेटिना के रोगों का बडा जोखिम होता है, जैसे एज-रिलेटेड मैक्युलर डीजनरेशन (एएमडी) और डायबीटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई)।
धूम्रपान और एएमडी के बीच संबंध – विगत समय में हुए कई शोध बताते हैं कि धूम्रपान से मैक्युला में विकृति आ सकती है, क्योंकि उसके रसायनिक यौगिक रक्त में मिल जाते हैं, जिससे रेटिना में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है। इस प्रकार, धूम्रपान करने वाले लोग एएमडी के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं। यह रोग प्रगतिशील होता है और मैक्युला के नीचे असामान्य रक्त वाहिकाओं की वृद्धि इसका लक्षण है, जो कि रेटिना का मध्य भाग होता है। अध्ययन यह भी दर्शा चुके हैं कि धूम्रपान करने वाले लोग सामान्य लोगों की तुलना में एज-रिलेटेड मैक्युलर डीजनरेशन (एएमडी) होने के 5 गुना अधिक जोखिम में होते हैं।
धूम्रपान और डीएमई के बीच संबंध – डायबीटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई) तब होता है, जब क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं और रक्त रेटिना में आ जाता है, जिससे आगे चलकर दृष्टिहीनता होती है। डीएमई के जोखिम का प्रमुख कारक मधुमेह है। अगर आप नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं, तो आपको मधुमेह होने की संभावना बढ जाती है और इसका नियंत्रण कठिन हो जाता है, यदि आप पहले से उससे पीड़ित हैं। धूम्रपान से ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है, जो रक्त के प्रवाह के कम होने का परिणाम है और इससे रेटिना को क्षति होती है।
एएमडी और डीएमई के लक्षण – एएमडी और डीएमई के आम लक्षणों में धुंधला या अस्पष्ट या विकृत दिखाई देना, रंग विकृत दिखना, देखने में गहरे धब्बे आना, सीधी रेखाएं लहरदार या टेढी दिखाई देना और एक दूरी से देखने में कठिनाई शामिल हैं। डॉ. रोहित चारण, ऑथैल्मोलॉजिस्ट, केसी मेमोरियल आई हॉस्पिटल, जयपुर, के अनुसार, ”रेटिना के रोगों के कारण होने वाली दृष्टिहीनता को ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, यदि सही समय पर इनका पता चल जाये, तो रेटिना के रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, दृष्टिहीनता की रोकथाम में लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण होता है। एएमडी और डीएमई के रोगी भी धूम्रपान छोड सकते हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञों को धूम्रपान की रोकथाम के लिये स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और उचित आहार को बढावा देने वाले प्रयास करने चाहिए।
धूम्रपान छोडने में मदद के लिये कुछ टिप्स नीचे दिये गए हैं-
किसी विशेषज्ञ से सलाह लें और धूम्रपान छोडने के लिये सेसैशन प्रोग्राम शुरू करें गहरे हरे रंग के पत्ते वाली सब्जियाँ, जैसे गोभी, पालक, सलाद पत्ता, आदि खायें। इनमें ल्युटीन और जीयाक्सैंथिन होता है, जो महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेन्ट्स होते हैं और रेटिना के स्वास्थ्य को बनाये रखने में यह कारगर होते हैं।

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