जयपुर

उपचार कराने के लिए लाइन में लगे रहना मजबूरी

Health News : जयपुर . Rajasthan के कई जिलों, खासकर Capital Jaipur में इन दिनों Seasonal Diseases ने कहर बरपा रखा है। अस्पतालों में आने वाले मरीजों को Treatment से पहले घंटों कतार में लगकर इंतजार की पीड़ा उठानी पड़ रही है। ऐसे में एक तो बीमारी का दर्द उपर से लाइन में लगकर घंटो इंतजार करने से Patient का कष्ट बढ गया है।

जयपुरNov 20, 2019 / 07:13 pm

Anil Chauchan

SMS Hospital

Health News : जयपुर . राजस्थान ( Rajasthan ) के कई जिलों, खासकर राजधानी जयपुर ( capital jaipur ) में इन दिनों मौसमी बीमारियों ( Seasonal diseases ) ने कहर बरपा रखा है। अस्पतालों में आने वाले मरीजों को इलाज ( treatment ) से पहले घंटों कतार में लगकर इंतजार की पीड़ा उठानी पड़ रही है। ऐसे में एक तो बीमारी का दर्द उपर से लाइन में लगकर घंटो इंतजार करने से मरीजों ( Patient ) का कष्ट बढ गया है।

मौसमी बीमारियों के चलते एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल के आउटडोर में मरीजों का आंकड़ा आम दिनों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक हो गया है। एक तरफ जहां अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ आउटडोर में रजिस्टेशन पर्ची से लेकर मेडिकल जांच की पर्ची के लिए बने काउंटर की संख्या जस की तस है। ऐसे में मरीजों को पर्ची बनाने के लिए ही घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है।
प्रदेशभर में डेंगू पॉजिटिव के मामले में राजधानी जयपुर नंबर एक पर है, लेकिन विभाग की और से अस्पतालों में व्यवस्थाओं के नाम पर किसी तरह के विशेष इंतजाम नहीं किए गए है। अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को

इलाज के लिए दिनभर लाइनों में चक्कर लगाना पड़ रहा है। मरीज को अस्पताल पहुंचने के साथ सबसे पहले डॉक्टर्स को दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसके बाद डॉक्टर्स के चैंबर के बाहर लाइन लगानी होती है, जहां से जांच करवाने के लिए जांच रजिस्ट्रेशन काउंटर पर फिर से लाइन में लगना होता है फिर सैंपल जमा करवाने के बाद निशुल्क दवा लेने के लिए लाइन में लगना होता है। मरीजों की संख्या में कई गुणा इजाफा होने के बाद भी अतिरिक्त काउंटर या अन्य इंतजाम नहीं करने से मरीजों को 4.5 घंटे तक अस्पताल में रह पड रहा है।इधर प्रदेशभर में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चिकित्सा विभाग भले ही 6 हजार पर अटका है। लेकिन मरीजों की संख्या इससे कहीं अधिक है। डेंगू पॉजिटिव मरीजों की बात करें तो जयपुर अभी नंबर एक पर है वहीं कोटा दूसरे अलवर तीसरे नंबर पर है ।

मौसमी बीमारियों के चलते एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल के आउटडोर में मरीजों का आंकड़ा आम दिनों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक हो गया है। एक तरफ जहां अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रहीं है वहीं दूसरी तरफ

आउटडोर में रजिस्टेशन पर्ची से लेकर मेडिकल जांच की पर्ची के लिए बने काउंटर की संख्या जस की तस है। ऐसे में मरीजों को पर्ची बनाने के लिए ही घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है।

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