स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी नियंत्रणाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं। प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा कर्मचारियों को भी उनके मूल विभाग में भेजा जाएगा।
इस आदेश के अनुसार सभी नियंत्रणाधिकारियों को उनके अधीन कार्य करने वाले प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत सभी कार्मिकों को 15 अगस्त तक उन्हें मूल पदस्थापना स्थान के लिए कार्यमुक्त कर पालना रिपोर्ट निदेशक (जन स्वास्थ्य) को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी अधिकारियों को 31 अगस्त तक यह अंडरटेकिंग देने के भी निर्देश दिए हैं कि सभी प्रतिनियुक्ति पर काम करने वाले कार्मिकों को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
जरूरत से ज्यादा कर्मचारी कर रहे हैं काम -:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कुछ चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों में चिकित्सकों और कर्मचारियों के स्वीकृत पदों के विरूद्ध अधिशेष रूप से अतिरिक्त कर्मचारी काम कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से आमजन को आवश्यक चिकित्सा समय पर उपलब्ध कराने के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त पदस्थापित चिकित्सक या कार्मिकों (संविदा कार्मिकों) को उनके मूल पदस्थापन स्थान पर लगाने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य भवन में लगे हैं अधिकतर कर्मचारी -:
अगर देखा जाए तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य भवन में सबसे ज्यादा प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी और कर्मचारी हैं। प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण कर्मचारी पूनी निष्ठा के कारण काम नहीं करते और बाद में इसका खमियाजा यहां अपना विभिन्न काम कराने के लिए आने वाले अन्य कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। अब माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश से काम की गति बढ़ेगी।