कम कैलोरी बर्न होगी
अमरीकी वैज्ञानिकों के अनुसार रात में आप उतनी कैलोरी को बर्न नहीं कर पाते, जितनी आप ने ली है। इस तरह यह कैलोरी अतिरिक्त फैट के रूप में जमा हो जाती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। वहीं शाम के समय भोजन करने से भोजन को अच्छी तरह से पचाया जा सकता है। इस तरह मोटापा के साथ अन्य तरह के गंभीर रोगों की आशंका को कम किया जा सकता है।
अमरीकी वैज्ञानिकों के अनुसार रात में आप उतनी कैलोरी को बर्न नहीं कर पाते, जितनी आप ने ली है। इस तरह यह कैलोरी अतिरिक्त फैट के रूप में जमा हो जाती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। वहीं शाम के समय भोजन करने से भोजन को अच्छी तरह से पचाया जा सकता है। इस तरह मोटापा के साथ अन्य तरह के गंभीर रोगों की आशंका को कम किया जा सकता है।
रात में भोजन खराब करेगा पेट
रात के समय लार कम बनती है और पेट में पाचक रसों का स्त्राव भी कम होता है। इस वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इतना ही नहीं इंसुलिन हार्मोन के प्रति संवेदनशीलता में भी कमी आती है। इस तरह रात के भोजन करने पर ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। बदलती लाइफस्टाइल ने स्वास्थ्य पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डाला है। देर रात तक जागना और सुबह देर से उठने की आदत से साथ ही खानपान की आदतों में भी बदलाव आया है। युवाओं में यह बदलाव तेजी से देखा जा सकता है।
रात के समय लार कम बनती है और पेट में पाचक रसों का स्त्राव भी कम होता है। इस वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इतना ही नहीं इंसुलिन हार्मोन के प्रति संवेदनशीलता में भी कमी आती है। इस तरह रात के भोजन करने पर ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। बदलती लाइफस्टाइल ने स्वास्थ्य पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डाला है। देर रात तक जागना और सुबह देर से उठने की आदत से साथ ही खानपान की आदतों में भी बदलाव आया है। युवाओं में यह बदलाव तेजी से देखा जा सकता है।
भोजन की टाइमिंग
रिसर्च से यह भी सामने आया कि भोजन भी टाइमिंग का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में देखा गया कि जिन चूहों के लिए हर समय भोजन उपलब्ध करवाया गया उनमें शाम के बाद भोजन न मिलने वाले चूहों की तुलना में मोटापा और टाइप-2 मधुमेह के लक्षण देखे गए। हालांकि दोनों ही ग्रुप में चूहों को समान फैट वाली डाइट दी गई। शोध के अनुसार समय पर भोजन कर लेने से ज्यादा कैलोरी को बर्न करना भी आसान होता है। इससे रोगों की आशंका कम हो जाती है।
रिसर्च से यह भी सामने आया कि भोजन भी टाइमिंग का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में देखा गया कि जिन चूहों के लिए हर समय भोजन उपलब्ध करवाया गया उनमें शाम के बाद भोजन न मिलने वाले चूहों की तुलना में मोटापा और टाइप-2 मधुमेह के लक्षण देखे गए। हालांकि दोनों ही ग्रुप में चूहों को समान फैट वाली डाइट दी गई। शोध के अनुसार समय पर भोजन कर लेने से ज्यादा कैलोरी को बर्न करना भी आसान होता है। इससे रोगों की आशंका कम हो जाती है।
हार्ट हेल्थ के लिए
कंबोडिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 112 महिलाओं की डाइट पर सालभर ध्यान दिया। अध्ययन में देखा गया कि जिन महिलाओं ने शाम को छह के बाद हाई कैलोरी फूड लिया उनमें समान डाइट लेने वाली महिलाओं की तुलना में हार्ट संबंधी समस्याएं अधिक देखी गई। एक अन्य अध्ययन से भी सामने आया कि डाइट में पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन न करना भी हानिकारक है। स्टडी के अनुसार यदि डाइट में फाइबर की मात्रा कम है तो इससे कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है, जो पिछले कुछ समय से मृत्यु का कारण है।
कंबोडिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 112 महिलाओं की डाइट पर सालभर ध्यान दिया। अध्ययन में देखा गया कि जिन महिलाओं ने शाम को छह के बाद हाई कैलोरी फूड लिया उनमें समान डाइट लेने वाली महिलाओं की तुलना में हार्ट संबंधी समस्याएं अधिक देखी गई। एक अन्य अध्ययन से भी सामने आया कि डाइट में पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन न करना भी हानिकारक है। स्टडी के अनुसार यदि डाइट में फाइबर की मात्रा कम है तो इससे कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है, जो पिछले कुछ समय से मृत्यु का कारण है।
इन रोगों की आशंका बढ़ी
इस शोध के शाम को छह बजे बाद डिनर करने वाली महिलाओं की तुलना छह बजे तक डिनर लेने वाली महिलाओं से की गई। अध्ययन से यह सामने आया कि जिन महिलाओं की शाम को छह बजे बाद भोजन करने की आदत हैं, उनमें हार्ट डिजीज का खतरा अधिक है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर और बॉडी मास इंडेक्स बढ़ा हुआ पाया गया। अध्ययन से सामने आया कि देर से भोजन करने वाले लोगों में मोटापा और टाइप-2 मधुमेह रोग की आशंका भी अधिक है।
इस शोध के शाम को छह बजे बाद डिनर करने वाली महिलाओं की तुलना छह बजे तक डिनर लेने वाली महिलाओं से की गई। अध्ययन से यह सामने आया कि जिन महिलाओं की शाम को छह बजे बाद भोजन करने की आदत हैं, उनमें हार्ट डिजीज का खतरा अधिक है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर और बॉडी मास इंडेक्स बढ़ा हुआ पाया गया। अध्ययन से सामने आया कि देर से भोजन करने वाले लोगों में मोटापा और टाइप-2 मधुमेह रोग की आशंका भी अधिक है।