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स्कूली बच्चों को रखिए स्वस्थ

locationजयपुरPublished: Oct 11, 2019 01:19:24 pm

Submitted by:

Chand Sheikh

पेरेंट्स को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि अच्छी शिक्षा का आधार अच्छी सेहत होती है। पढ़ाई करने वाले बच्चे को अधिक स्वस्थ और एक्टिव बनाए रखने के लिए पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है। इससे बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास ही नहीं बल्कि शैक्षणिक विकास भी होता है।

स्कूली बच्चों को रखिए स्वस्थ

स्कूली बच्चों को रखिए स्वस्थ

अनुकूल माहौल
बच्चों को शैक्षिक माहौल में ढालने में उनकी पूरी मदद करें। स्कूल की शुरूआत या फिर छुट्टियों के बाद फिर से स्कूल जाने में बच्चे थोड़े असहज महसूस करते हैं। इस माहौल को बच्चों के अनुकूल बनाएं। उनके लिए आसानी पैदा करें।
आंखों का खयाल
पैरेंट्स को बच्चों की आंखों का भी ध्यान रखना चाहिए। वे लगातार ४० मिनट से ज्यादा कंप्यूटर पर न गुजारें। होमवर्क में बीच में ब्रेक लें। वे हर 15 मिनट बाद कंप्यूटर से नजर हटाकर खिड़की से दूर तक देखें। इससे नजर कमरजोर नहीं होगी।
बैठने की मुद्रा
पढऩे वाले बच्चे को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उसके बैठने की मुद्रा दुरूस्त हो। गलत तरीके से बैैठने से रीढ़ की परेशनी हो सकती है। उसकी कुर्सी, टेबिल, बुक सेल्फ उसकी हैैल्थ में सहायक हो। उसे पढऩे का स्वस्थ माहौल दें।
महत्वाकांक्षा नहीं
आजकल के पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर कुछ ज्यादा ही महत्वाकांक्षी होते हैं। इससे बच्चों पर अधिक दबाव बन जाता है। बच्चों पर अपेक्षाओं का बोझा अधिक न रखें। उनके बेहतर रिजल्ट में सहायक बनें बजाय उन पर दबाव बनाए रखने के।
बच्चों को पौष्टिक खानपान
पढऩे जाने वाले बच्चों के लिए बेहद जरूरी है कि उनको पौष्टिक खानपान दिया जाए। पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों के खानपान और शुद्ध आबो हवा का पूरा ध्यान रखें। अक्सर देखा गया है कि बच्चा घर के खानपान के बजाय बाहर का जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स आदि को अधिक पसंद करता है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होता है बच्चों को पौष्टिक खिलाना। कोशिश करें बच्चा दिन मेें कम से कम तीन से चार बार खाएं।
दबाव से राहत पाना सिखाएं
आजकल के बच्चे पढ़ाई के कारण मानसिक बोझ से दबे रहते हैं। स्कूल का अधिक काम और बेहतर करने की उम्मीद उन पर अनचाहा बोझ बनाए रखती है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों के इस बोझ को कम करने में मददगार बनें। उनके काम का शिड्यूल बनाएं और उन्हें मानसिक संबल दें। आउटडोर गेम्स खेलने और साथ बैठकर हंसी-मजाक का माहौल बनाने की कोशिश करें। उन्हें प्राथमिकताएं तय करने का सुझााव दें और खुद पर अनचाहा बोझ न रखने की सीख भी दें।
इम्यून सिस्टम
स्कूली बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। इसकी वजह है वे भीड़ भाड़ वाली जगह पर बहुत समय गुजारते हैं। उनकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का एक और कारण है उनका तनाव। यही वजह है कि वे अक्सर सर्दी-जुकाम की चपेट में आ जाते हैं। बच्चों की मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी है कि वे पर्याप्त सोएं, व्यायाम करें, आउटडोर गेम्स खेलें, उन्हें साफ-सुथरी हवा मिले और उनकी हाथ धोने की आदत हो।
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