जयपुर

चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज भी सुनवाई जारी रहेगी

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।जस्टिस आर भानुमति ने कहा कि तुषार मेहता अन्य मामले में व्यस्त हैं तो कोई दूसरा विकल्प तैयार करें।

जयपुरOct 16, 2019 / 12:43 am

Vijayendra

जेडीए की ढिलाई पर नाराज हाईकोर्ट ने कहा, समाधान बताओ, समस्याएं नहीं

नई दिल्ली। पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल यानि 16 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रहेगी। आज चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।
सुनवाई की शुरुआत में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका पर आज सुनवाई टालने की मांग की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के संविधान बेंच में भूमि अधिग्रहण मामले में व्यस्त रहने के चलते सीबीआई ने सुनवाई टालने की मांग की थी। जस्टिस आर भानुमति ने कहा कि तुषार मेहता अन्य मामले में व्यस्त हैं तो कोई दूसरा विकल्प तैयार करें। कोर्ट ने कहा कि आज सुनवाई नहीं टाली जाएगी।
चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पढ़ा जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम के न तो भागने की कोई आशंका है और न ही साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के आधार पर जमानत नहीं देना गलत है। अगर ऐसा लगेगा कि चिदंबरम ने किसी गवाह को प्रभावित किया है तो जमानत निरस्त किया जा सकता है, लेकिन हमें जमानत देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि जमानत नहीं देने का आधार आशंकाएं नहीं हो सकती हैं। हाईकोर्ट के जज ने गवाहों के प्रभावित होने का कोई साक्ष्य नहीं पाया लेकिन ये संभावना जता दी कि गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है। सिब्बल ने कोर्ट को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद हुई घटनाओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि जब चिदंबरम अपनी लीगल टीम के साथ थे तो कहा गया कि चिदंबरम के भागने की आशंका है।
सीबीआई ने चिदंबरम के घर पर नोटिस चिपका दिया कि दो घंटे में हाजिर हों। नोटिस में इसका भी जिक्र नहीं था कि किस प्रावधान के तहत नोटिस जारी किया गया है। सिब्बल ने कहा कि सीबीआई के मुताबिक हमें अंतरिम राहत मांगने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम को जमानत नहीं देने से कोई मतलब नहीं है।
सिब्बल के बाद चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जमानत देने के लिए तीन टेस्ट होते हैं। हाईकोर्ट ने उन टेस्ट में हमें ठीक पाया लेकिन हमें जमानत नहीं दी। ये वैसा ही है जैसे ऑपरेशन सफल रहा लेकिन रोगी मर गया। यह केवल आशंका है कि गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है। सिंघवी ने कहा कि जमानत के किसी केस में जब कोर्ट अभियुक्त के पक्ष में पाता है और उसे एक सीलबंद लिफाफा दिया जाता है। ट्रायल कोर्ट में छह रिमांड याचिकाएं सीबीआई ने दायर की लेकिन किसी में ये नहीं कहा कि किसी गवाह को प्रभावित करने के साक्ष्य हैं। यह केवल हमारी जमानत को खारिज कराने के लिए बाद में सोच समझकर किया गया। सिंघवी ने कहा कि पिछले दो सालों में गवाहों के प्रभावित करने की कोई बात नहीं कही गई। उन्होंने कोर्ट से कहा कि अगर आपको बिना हलफनामे के कोई सीलबंद लिफाफा दिया जाए तो इससे आपकी साख पर असर पड़ेगा। और इससे उस अभियुक्त की साख अच्छी होगी जो अपनी बेटी की हत्या के मामले में जेल में बंद है। एफआईआर में चिदंबरम का नाम नहीं है और सभी अभियुक्त जमानत पर हैं। जमानत नियम है जबकि जेल अपवाद है।
पिछले 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था।
पिछले 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

Home / Jaipur / चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज भी सुनवाई जारी रहेगी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.