scriptगुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण को चुनौती, राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई | Hearing on Petition in Rajasthan high court challenge quota to Gujjars | Patrika News

गुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण को चुनौती, राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई

locationजयपुरPublished: Mar 10, 2019 12:36:25 pm

Submitted by:

santosh

राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी।

राजस्थान हाईकोर्ट

इसी प्रावधान के तहत मुख्य न्यायाधीश ने 2009 में कनिष्ठ न्यायिक सहायक सहित विभिन्न पदों पर तदर्थ आधार पर नियुक्तियां की। बाद में मुख्य न्यायाधीश ने उनको नियमित कर पदोन्नति दे दी। हाईकोर्ट प्रशासन के इस फैसले को त्रिलोक चंद सैनी ने चुनौती दी, जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि हाईकोर्ट नियमों में तदर्थ आधार पर नियुक्ति का प्रावधान तो हैं, लेकिन एेसे कर्मचारियों को नियमित करने व पदोन्नति का कोई अधिकार नहीं है।

जयपुर। राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम- 2019 के तहत गुर्जर सहित पांच जातियों गाड़िया लुहार, बंजारा, रेबारी एवं राइका को एमबीसी में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण को पिछले दिनों न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।
अरविंद शर्मा और बादल वर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव, किरोड़ी सिंह बैंसला एवं हिम्मत सिंह गुर्जर को पक्षकार बनाया है। चाचिका में कहा गया है कि 5 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के कारण प्रदेश में कुल आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जिस कारण पहले भी हाईकोर्ट इस तरह के आरक्षण को रद्द कर चुका है। अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राज्य में आपात परिस्थितियों को हवाला दिया है, जबकि राज्य में ऐसी कोई विषम परिस्थितियां ही नहीं थीं। गुर्जर आंदोलन कर रहे थे और राज्य सरकार ने मजबूरी में उन्हें आरक्षण दिया है।
हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत की सीलिंग से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा रखी थी और ऐसे में एक प्रतिशत आरक्षण ही देय था और वह दिया भी जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम- 2019 में गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात का हवाला देकर दिया है, जबकि संविधान के अनुसार जनगणना के आधार पर आरक्षण देय नहीं है। संविधान में शैक्षणिक व सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन नए संशोधन एक्ट में इसे ध्यान में रखे बिना ही एमबीसी वर्ग में गुर्जर सहित पांच जातियाें को आरक्षण दिया है जो गलत है।
मालूम हो कि राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत और केन्द्र सरकार के संविधान संशोधन के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इससे प्रदेश में कुल आरक्षण 64 प्रतिशत हो गया है। फरवरी में 9 दिन तक जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन चला था। राज्य सरकार की ओर से दिए पांच सूत्री ड्राफ्ट पर सहमति के बाद 16 फरवरी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग स्थित मकसूदनपुरा अंडरपास रेलवे ट्रेक पर आंदोलन समाप्ति की घोषणा की थी।
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