ये है जीएनएम भर्ती का मामला—
वर्ष 2013 में जीएनएम के 337 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन जीएनएम नर्सिंग कोर्स में चयनित होने के बाद भी प्रदेश के 28 दिव्यांगों को नियुक्ति नहीं दी गई। इससे वे आहत है और लगातार सरकार से इसका वास्तविक कारण पूछ रहे है। जब विभागों के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे इस धरने में उतरे और इसके माध्यम से नियुक्ति की मांग कर रहे है।
वर्ष 2013 में जीएनएम के 337 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन जीएनएम नर्सिंग कोर्स में चयनित होने के बाद भी प्रदेश के 28 दिव्यांगों को नियुक्ति नहीं दी गई। इससे वे आहत है और लगातार सरकार से इसका वास्तविक कारण पूछ रहे है। जब विभागों के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे इस धरने में उतरे और इसके माध्यम से नियुक्ति की मांग कर रहे है।
इन मांगों के लिए बैठे है धरने पर—
—बैकलॉग भर्ती की जाए
—उच्च स्तरीय कमेटी की हो मीटिंग
—दिव्यांग कोर्ट का हो गठन
—दिव्यांग शिक्षकों को अपने गृह क्षेत्र में नियुक्ति दी जाए
—रोजगार के लिए कियोस्क का वितरण हो।
—बैकलॉग भर्ती की जाए
—उच्च स्तरीय कमेटी की हो मीटिंग
—दिव्यांग कोर्ट का हो गठन
—दिव्यांग शिक्षकों को अपने गृह क्षेत्र में नियुक्ति दी जाए
—रोजगार के लिए कियोस्क का वितरण हो।