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बुजुर्गों में हार्ट की बीमारी को बढ़ा रहा है कोरोना

locationजयपुरPublished: Jun 06, 2020 08:21:34 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Heart Failure : जयपुर . Corona Period और Lock Down के चलते Heart Failure मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की तुलना में, Covid-19 Infection के कारण हार्ट फेलियर मरीजों को 15.3 प्रतिशत मौत का ज्यादा खतरा है।

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बिना चीर-फाड़ के गंभीर मरीज का बदला हार्ट वॉल्व

Heart Failure : जयपुर . कोरोना काल ( Corona Period ) और लॉक डाउन ( Lock Down ) के चलते हार्ट फेलियर ( Heart Failure ) मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। बुजुर्गों में हार्ट की बीमारी ज्यादा होने के कारण उनमें कोविड-19 का खतरा सबसे ज्यादा है। कई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की तुलना में, कोविड-19 संक्रमण ( COVID-19 Infection ) के कारण हार्ट फेलियर मरीजों को 15.3 प्रतिशत मौत का ज्यादा खतरा है।
पिछले दिनों में लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ने से हर दिन एक नई चुनौती सामने आ रही है। बुजुर्ग व्यक्ति इन चुनौतियों का सामना नहीं कर पा रहे हैं। कई तरह की पाबंदियों के साथ अपनी सेहत और घर के कामों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी सोशल लाइफ पूरी तरह थम गई है। उनके जीवन में सुबह—शाम की वॉक जैसी आम-सी चीज पर भी विराम लग गया है। उन्हें, इस वायरस से संक्रमित होने की बेहद चिंता सता रही है।
एजवेल फाउंडेशन की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 49 प्रतिशत बुजुर्ग व्यक्ति केवल अपने बुजुर्ग साथी के साथ रह रहे हैं, क्योंकि उनके बच्चेे या रिश्तेदार उनसे दूर या अलग रहते हैं। पूरी दुनिया के आंकड़े बताते हैं कि बुजुर्गों को कोविड-19 का खतरा सबसे ज्यादा है, यदि उन्हें हाई ब्लेड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारियां, खासतौर से हार्ट फेलियर जैसे रोग हैं।
भारत में लगभग 10 मिलियन हार्ट फेलियर से प्रभावित लोगों में यह मौत का एक प्रमुख कारण है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजीब रॉय ने बताया कि दिल की बीमारियों वाले लोगों में इसकी वजह से बार-बार अस्पताल में भर्ती कराने की दर सबसे ज्यादा है। यह बीमारी बढऩे वाली होती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और समय के साथ वह सत हो जाती हैं। इसकी वजह से वे सही तरीके से पंप नहीं कर पाती हैं। ऐसा होने से शरीर के आवश्यक अंगों को सही मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। लॉकडाउन के दौरान बुजुर्ग मरीजों के लिए बहुत मुश्किल समय है। टेलीकंसल्टे्शन के जरिए लॉकडाउन के समय से हार्ट फेलियर के मरीजों में 30 प्रतिशत की बढोतरी देखी है। एंग्जाइटी और तनाव इस समय वाकई हानिकारक हो सकता है, केयरगिवर्स मरीजों को भावनात्मक रूप से सहयोग देने के लिए महत्व पूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उनके लक्षणों एवं दवाईयों पर पूरी नजर रख रहे हैं।
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