जानकारी के अनुसार अस्पताल में कार्डियक सर्जरी विभाग के डॉ. अनिल शर्मा और उनकी टीम ने यह हार्ट ट्रांसप्लांट किया। ब्रेन डेड मरीज राजसमंद के देवदूत के हार्ट को गुरुवार को तड़के यहां सवाई मानसिंह अस्पताल में एक हार्ट फैलियर मरीज के लगाया गया। अस्पताल में तड़के तीन बजे यह ऑपरेशन शुरू हुआ जो प्रात: 6:30 बजे खत्म हुआ। ऑपरेशन को लेकर डॉक्टरों की टीम पिछले कई महीनों से तैयार थी और किसी ब्रेन डेड मरीज का इंतजार किया जा रहा था।
राजसमंद का देवदूत जाते-जाते चार लोगों को जीवनदान दे गया, मरीज 10 जनवरी को सड़क हादसे में ब्रेनडेड अवस्था में पहुंच गया था, अस्पताल की सफल काउंसलिंग के बाद परिजनों ने दी अंगदान को सहमति दी, जिसके बाद अस्पताल में देर रात 12 बजे से केडेबर ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू हुई। डॉक्टरों की टीम ने तड़के तीन बजे हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू किया जो करीब साढ़े तीन घंटे चला। ब्रेन डेड व्यक्ति की दोनों किड़नियों को भी यहां अस्पताल में ही प्रत्यारोपित किया गया है। जबकि लीवर को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए निम्स हॉस्पिटल भेजा गया।
गुरुवार को डॉक्टरों के बीच हार्ट ट्रांसप्लांट का केस ही चर्चा का विषय बना रहा। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि गाइड लाइन के अनुसार अभी हम इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी नहीं दे सकते हैं। 48 घंटे बाद जब मरीज की तबीयत में सुधार होगा तो इस ऑपरेशन की जानकारी को उजागर किया जाएगा।
उधर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में राजकीय क्षेत्र में पहले ट्रांसप्लांट होने पर चिकित्सकों को बधाई दी है तथा प्रदेशवासियों से अंग दान की मुहिम सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एसएमएस के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दिन रात मेहनत कहा ट्रांसप्लांट को संभव बनाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एसएमएस हॉस्पिटल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर इस क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने अंगदान करने वाले परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अंग दान करने से जरूरत मंद व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अंगदान की मुहिम को सफल बनाने की अपील की है।